बीमारों, बुजुर्गों को बैंकिंग के लिए आधार जरूरी नहीं, दूसरे आईडी प्रूफ दे सकेंगे

नई दिल्ली | शारीरिक दिक्कतों की वजह से आधार कार्ड बनवाने में अक्षम लोग बैंक खाते के वेरिफिकेशन के लिए दूसरी आईडी भी दे सकते हैं। ऐसे लोगों को बैंक खातों में आधार की अनिवार्यता से सरकार ने छूट दे दी है। सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के नियमों में संशोधन की जानकारी दी है। इसके तहत ऐसे लोग जिन्हें बायोमीट्रिक आइडेंटिफिकेशन में परेशानी हो रही हो वो अपनी पहचान के लिए दूसरे डॉक्यूमेंट्स दे सकते हैं।

इन लोगों को छूट मिलेगी
– बीमार, घायल और उम्रदराज लोगों को आधार से छूट मिलेगी।

– यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे का कहना है, “आधार कार्ड नहीं होने की वजह से जिन बीमार और घायल लोगों को परेशानी हो रही थी वो अब बिना दिक्कत के बैंकिंग और दूसरी वित्तीय सेवाओं का फायदा ले सकेंगे। नए नियमों से ये सुनिश्चित होगा कि वास्तिवक जरूरतमंदों की बैंकिंग सेवाएं नहीं रुकें।”

पेंशन के लिए भी आधार जरूरी नहीं
मंगलवार को कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। उन्होंने साफ किया कि आधार एक अतिरिक्त सुविधा है जो लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए बैंक के चक्कर काटने की परेशानी से बचाता है। हाल ही में बैंक अकाउंट से आधार लिंक नहीं होने की वजह से कुछ रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन लेने में मुश्किलें होने की खबरें आई हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री ने इस मामले पर सफाई दी है।

सुप्रीम कोर्ट में है आधार की अनिवार्यता का मामला
अदालत ने बैंक खातों और मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता के लिए समयसीमा अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी। इससे पहले सरकार की ओर से 31 मार्च 2018 की डेडलाइन तय की गई थी। आधार की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया।

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