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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाया जाए : NSA अजीत डोभाल की धार्मिक संगठनों के साथ बैठक में प्रस्ताव

'देश में धर्म के नाम पर संघर्ष पैदा कर रहे हैं कुछ तत्व', अंतरधार्मिक सम्मेलन में बोले NSA अजीत डोभाल

Network Today

मीडिया में जारी बैठक के आठ सूत्री प्रस्ताव में से एक बिंदु में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई. यह प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस कार्यक्रम में भाग लिया था.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Adviser) अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने आज धार्मिक प्रमुखों के साथ एक बैठक की. अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीन परिषद (All India Sufi Sajjadanashin Council) द्वारा आयोजित कार्यक्रम के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है, जो “विभाजनकारी एजेंडे पर काम कर रहे हैं.” NSA के इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद यह प्रस्‍ताव काफी महत्‍वपूर्ण हो जाता है.

डोभाल ने कार्यक्रम के दौरान देश को धर्म और विचारधारा के नाम पर सद्भाव बिगाड़ने और अशांति पैदा करने की साजिश रचने वाली ताकतों से सतर्क रहने की चेतावनी दी है.

‘देश में धर्म के नाम पर संघर्ष पैदा कर रहे हैं कुछ तत्व’, अंतरधार्मिक सम्मेलन में बोले NSA अजीत डोभाल, PFI पर बैन की उठी मांग

डोभाल ने कहा, “कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो भारत की प्रगति को बाधित कर रहा है. वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं और यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है. यह देश के बाहर भी फैल रहा है.”

आयोजकों ने एक बयान में कहा, “… कुछ असामाजिक तत्वों और समूहों के कारण राष्ट्र कठिन दौर से गुजर रहा है जो विविधता में एकता के एक चमकदार उदाहरण के रूप में भारत की छवि को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.”

मीडिया में जारी बैठक के आठ सूत्री प्रस्ताव में से एक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई. यह प्रस्ताव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.

प्रस्‍ताव में कहा, “पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और ऐसे ही अन्य संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, एक विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए. साथ ही हम दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं कि किसी भी व्यक्ति या संगठन को किसी भी माध्यम से समुदायों के बीच नफरत फैलाने का दोषी पाया जाए तो कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए.”

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