
कन्नौज। कानपुर पुलिस कमिश्नर पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेकर चर्चा में आए असीम अरुण ने शनिवार को कन्नौज की सदर सीट से भाजपा की टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया। चुनावी मैदान उतरे पूर्व आईपीएस ने पुलिस कमिश्नर की नौकरी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। भाजपा ने कन्नौज सदर सीट से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है। शनिवार को दो प्रस्तावकों शरद मिश्रा और रामशंकर लोधी के साथ कलेक्ट्रेट में बने नामांकन कक्ष में पहुंचे असीम अरुण ने चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया। इससे पहले निर्दलीय प्रत्याशी सुनील दोहरे ने नामांकन दाखिल किया, उनके साथ प्रस्तावक नाजिम और शकील साथ रहे।
विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट खास मानी जाती है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का गढ़ कहे जाने वाले कन्नौज संसदीय क्षेत्र से उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद रह चुके हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए कन्नौज बेहद खास है। ऐसे में भाजपा ने कन्नौज सदर सीट पर इस बार विधानसभा चुनाव में एकदम नया चेहरा उतारा है और पूर्व आइपीएस असीम अरुण को टिकट दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने अनिल दोहरे को प्रत्याशी बनाया है, जो 27 जनवरी को नामांकन करा चुके हैं। जबकि बसपा प्रत्याशी समरजीत दोहरे ने अभी पर्चा दाखिल नहीं किया है और कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद पहले कमिश्नर बने आइपीएस असीम अरुण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्त के लिए आवेदन करके सभी को चौंका दिया था। सरकार ने उनका आवेदन मंजूर करते हुए 15 जनवरी से पद मुक्त करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद 16 जनवरी को असीम अरुण ने लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशियों की सूची में असीम अरुण का भी नाम कन्नौज सीट के लिए सामने आया था।
वहीं असीम अरुण ने भी कन्नौज के ठठिया स्थित अपने पैतृक गांव में कुलदेवी की पूजा और बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ राजनीतिक पारी शुरू की और चुनावी तैयारी में जुट गए। शनिवार को उन्होंने सदर सीट के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। बताते चलें कि उनके पिता पूर्व डीजीपी श्रीराम अरुण ने जीवित रहते कन्नौज में कई सामाजिक कार्य किए, वहीं उनकी मां भी सामाजिक कार्यों में हमेशा जुटी रहीं।