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गोरखपुर. शादी के पांच साल बाद भी कोई औलाद नहीं होने और आर्थिक परेशानियों को दंपती झेल नहीं पाए और आत्मघाती कदम उठा लिया. दोनों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में लिखा कि पिता जी, आपकी संपत्ति से एक कौड़ी भी नहीं चाहिए, बहनों को दे देना. आगे लिखा है कि अब थक गया हूं, परिवार और खुद से लड़ते-लड़ते, इसलिए सब खत्म कर रहा हूं. पुलिस को विवेकानंद दुबे की डायरी से मिले सुसाइड नोट में इन बातों का जिक्र है. पुलिस को यह भी पता चला है कि विवेकानंद ने एक ऑटो भी लोन पर लिया था. लेकिन पिछले चार महीने से वह किस्त नहीं भर पाया था.