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दुनिया में ख़तरा मंडराया -अमेरिका और रूस में जल्द छिड़ सकती है न्यूक्लियर वॉर

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दुनिया में सबसे बड़ा बिजनेस डर का है. यूक्रेन रूस से डरा नहीं तो रूस ने हमला बोल दिया. जंग जारी है, लेकिन विनाश का दायरा बढ़ने के आसार दिखने लगे हैं. रूस लगातार न्यूक्लियर जंग की धमकी दे रहा है. अपनी मिसाइलों से दुनिया को डरा रहा है.

इस वक्त दुनिया पर सबसे बड़ा संकट (Global Crisis) मंडरा रहा है और दुनिया के दो सुपरपावर देशों- अमेरिका और रूस में इस संकट की आहट साफ सुनाई देने लगी है. एक सर्वे में पता चला है कि दो महामुल्कों के अधिकतर लोगों को लगता है कि दुनिया में न्यूक्लियर वॉर (Nuclear War) छिड़ना तय है. आज हम इस न्यूक्लियर फीयर के हर चैप्टर को खोलेंगे. और आपको बताएंगे कि ये खतरा कितना गंभीर है. रूस और यूक्रेन में जारी जंग (Russia-Ukraine War) के बीच NATO चीफ स्टोल्टेनबर्ग ने बाल्टिक देशों से बात की. स्टोल्टेनबर्ग ने एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया के पीएम से बातचीत की. बाल्टिक क्षेत्र में अटैक और डिफेंस के तरीकों पर चर्चा हुई.

आज सबसे पहले उन Fear zone की बात करेंगे. जिनकी वजह से दुनिया में दहशत है. वर्ल्ड वॉर और न्यूक्लियर हमले की आशंका बढ़ चुकी है. ये फियर जोन. रूस से लेकर अमेरिका और चीन से लेकर जापान तक बन चुके हैं. एक एक फियर जोन को ध्यान से समझिए.

1. पहला डर – न्यूक्लियर मिसाइल

रूस ने कहा है कि वो दस जून से पहले अपनी SATAN 2 मिसाइल का टेस्ट कर सकता है. ये मिसाइल यूरोप अमेरिका को तबाह करने के लिए काफी है. SATAN मिसाइल का डर अमेरिका को है. इसलिए अमेरिका की स्ट्रैटजिक कमांड के चीफ ने कहा भले ही बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन इसके खिलाफ हो, लेकिन रूस और चीन के न्यूक्लियर प्रोग्राम को देखते हुए न्यूक्लियर मिसाइलें वक्त की मांग हैं.

2. दूसरा डर – रूस Vs अमेरिका

रूस और अमेरिकी की जनता के बीच न्यूक्लियर हमले का डर सामने आया है. एक स्टडी के मुताबिक 70 परसेंट अमेरिकी नागरिकों को लगता है कि यूक्रेन जंग के आगे न्यूक्लियर वॉर होगी. मास्को से भी इसी तरह की एक स्टडी सामने आयी है. जिसमें कहा गया है कि करीब 50 परसेंट लोगों को न्यूक्लियर वॉर का डर सता रहा है.

3. तीसरा डर – फिनलैंड-स्वीडन

नाटो में शामिल होने वाले फिनलैंड और स्वीडन को अपनी सुरक्षा का डर है. इसलिए फिनलैंड ने अब BALTOPS बाल्टिक ऑपरेशन वॉर ड्रिल के जरिए नाटो से करीबी दिखाई. दूसरी तरफ स्वीडन को गोटलैंड आइलैंड पर हमले का डर है. इसलिए गोटलैंड मिलिट्री बेस पर सैनिकों और आर्म्स एंड एम्युनिशन की सप्लाई बढ़ा दी गई है.

4. चौथा डर – नॉर्थ कोरिया का ATOM

साउथ कोरिया में अमेरिका के स्पेशल एनवॉय और IAEA ने एक बार फिर चेताया है कि नॉर्थ कोरिया किसी भी वक्त न्यूक्लियर टेस्ट को अंजाम दे सकता है. इसे लेकर बुधवार को जापान, साउथ कोरिया और अमेरिका के डिप्लोमैट्स की सियोल में इमरजेंसी मीटिंग हुई.

5. पांचवां डर – चीन Vs जापान

ग्लोबल टाइम्स ने अपने एडिटोरियल में जापान को धमकी दी है. ताइवान फ्रंट को लेकर जापान के दखल पर जिनपिंग के माउथपीस का कहना है कि अगर जापान ऐसे ही आगे बढ़ा तो उसके सिर पर चोट करने की जरूरत है.

6. छठा डर – चीन Vs ताइवान

चीन ने एक बार फिर ताइवान पर कब्जे की नीयत के इरादे से वॉर ड्रिल को अंजाम दिया. ईस्ट चाइनी सी में जेझियांग प्रोविंस के पास.लाइव फायर एक्सरसाइज की गई.

7. सातवां डर – ईरान Vs इजरायल

ईरान की एटमी प्रोग्राम को लेकर इजरायल एग्रेसिव हो चुका है.लगातार वॉर एक्सरसाइज कर रहा है. इजरायल UN के सामने क्लियर कर चुका है.कि सेल्फ डिफेंस के नाम पर वो ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को टारगेट कर सकता है.

अब जिस तरह के हालात है. उससे लगता है कि ये फियर जोन किसी भी वक्त रियल conflict zone में तब्दील हो सकते हैं और अगर इनमें से एक भी वॉर जोन विस्फोटक हो गया तो फिर रूस और अमेरिका जैसे न्यूक्लियर सुपरपावर्स के युद्ध में शामिल होने की संभावना और ज्यादा बढ़ जाएगी. युद्ध का दायरा बढ़ाने में रूस के नेता और पॉलिटिकल कमेंटेटर्स कोई कसर नहीं छोड़ रहे.

दुनिया को सबसे बड़ा बिजनेस डर का

दुनिया में सबसे बड़ा बिजनेस डर का है. यूक्रेन रूस से डरा नहीं तो रूस ने हमला बोल दिया. जंग जारी है, लेकिन विनाश का दायरा बढ़ने के आसार दिखने लगे हैं. रूस लगातार न्यूक्लियर जंग की धमकी दे रहा है. अपनी मिसाइलों से दुनिया को डरा रहा है.

ब्रिटिश अखबार एक्सप्रेस ने सनसनीखेज रिपोर्ट छापी. कहा है कि रूस अब अपनी सरमत 2 इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल का दूसरा टेस्ट करने जा रहा है. अखबार ने लिखा है कि मिसाइल टेस्ट के जरिए. पुतिन वेस्टर्न वर्ल्ड को न्यूक्लियर हमले की वॉर्निंग दे रहे हैं.

रिपोर्ट कहती है कि सरमत 2 मिसाइल का टेस्ट कामचटका इलाके के पास कुरा मिसाइल टेस्ट रेंज से किया जाएगा. ये इलाका इसलिए चुना गया क्योंकि इसका एरिया इंग्लैंड से भी बड़ा है. यानी इंग्लैंड को मैसेज देने वाला मिसाइल टेस्ट है. कामचटका के लोगों को इमरजेंसी प्रिकॉशन लेने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है. टूरिस्ट और आम नागरिकों से कहा गया है कि 10 जून तक मिसाइल टेस्ट किया जा सकता है.

रूस की न्यूक्लियर धमकी का दूसरा सिग्नल खुद पुतिन के करीबी ने दिया. रूस के पूर्व राष्ट्रपति और रशियन नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी चीफ दिमित्री मेदवदेव ने कह दिया कि जो लोग रूस को खत्म करना चाहते हैं. उन्हें दुनिया से मिटाने की पूरी कोशिश करेंगे. इससे पहले मेदवदेव ये भी कह चुके हैं कि कयामत का दिन नजदीक है.

अगर बात न्यूक्लियर फियर और धमकियों की हो और उसमें रूस के टीवी प्रेजेंटर्स का नाम सामने ना आए. उनके बयान हेडलाइन न बनें. ऐसा कैसे हो सकता है. बीते 15 अप्रैल से (किसी ना किसी लेवल पर) रूस के स्टेट मीडिया में वर्ल्ड वॉर एटमी हमले की बाते होती है. कल भी ऐसा ही हुआ. रशिया 1 चैनल पर डिबेट हो रही थी. पुतिन की वॉइस कहे जाने वाले. Vladimir Solovyov ने बड़ा बयान दे दिया.

 

 

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