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बता दें कि लगभग 147 वर्ष पहले अंग्रेजों के शासन में बनवाए गए पुराने गंगापुल की कई कोठियों में बीते साल बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई थी। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने तत्कालीन जिलाधिकारी को पुल की कोठियों में दरारों की जांच करने के बाद रिपोर्ट दी थी कि अब यह पुल वाहनों के आवागमन के योग्य नहीं बचा है। काफी जर्जर हालत में पहुंच चुका है। जिसपर कानपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने इसे बंद करा दिया था। 5 अप्रैल 2021 को इस पुल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
पुल के शुक्लागंज छोर और कानपुर छोर पर 5-5 फीट ऊंची पक्की दीवारें बनवा दी गई थी। काफी समय तक साइकिल सवार व पैदल राहगीर पैदल पुल से आवागमन करते रहे। पुल की कोठी का बड़ा हिस्सा गिरने के बाद पैदल पुल से भी आवागमन बंद कर दिया गया है।