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भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास लड़ाकू विमान उड़ाने को लेकर चीन को सख्त चेतावनी दी है. भारत ने चीन ने अपने लड़ाकू विमानों को लद्दाख सीमा से दूर रखने के लिए कहा है. दरअसल, पिछले दिनों चीन के लड़ाकू विमान भारत की सीमा के काफी नजदीक आ गए थे. भारत ने चीन को ये चेतावनी ऐसे वक्त पर दी, जब उसका ताइवान के साथ विवाद चल रहा है. अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से चीन भड़का हुआ है. इसके विरोध में चीन ताइवान की सीमा से लगे इलाकों में सैन्याभ्यास भी कर रहा है.
भारत ने इस मुद्दे पर चीन के साथ सैन्य स्तर पर बैठक बुलाई थी. इसमें भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन की उकसावे वाली गतिविधियों को लेकर विरोध दर्ज कराया. सरकार के सूत्रों ने आजतक को बताया कि यह विशेष सैन्य बैठक मेजर जनरल के नेतृत्व में हुई. इस दौरान एयर फोर्स के एयर कोमोडोर भी मौजूद रहे.
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद के बीच यह पहला मामला था, जब भारतीय एयरफोर्स के किसी अधिकारी ने सैन्य स्तर की बातचीत में हिस्सा लिया हो. यह बैठक मंगलवार को चुंशूल मोल्डो में हुई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में भारत ने चीनी पक्ष को साफ कर दिया कि विमान उड़ते वक्त अपनी सीमा में रहें. साथ ही वे एलएसी और 10 किमी सीबीएम लाइन का पालन करें.
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने आजतक से बातचीत में कहा था कि भारत LAC के पार की हवाई गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा है. उन्होंने कहा था कि जैसे ही हम LAC पर किसी भी चीनी गतिविधि को देखते हैं, हम भी हमने लड़ाकू विमान तैनात कर देते हैं. उन्होंने बताया था कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर रडार लगा रही है, ताकि हम हवा में होने वाली किसी भी गतिविधि पर नजर रख सकें.

एक तरफ चीनी सेना पूर्वी क्षेत्र लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए भारतीय सेना के साथ बातचीत कर रही है तो वहीं दूसरी ओर, चीनी वायु सेना पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के बहुत करीब से उड़ान भर रही है. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने आजतक को बताया कि चीनी वायु सेना के लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के बहुत करीब उड़ान भर रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि चीनी गतिविधि पर भारतीय वायुसेना बारीकी से नजर रख रही है. चीनी लड़ाकू विमानों से किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना की ओर से पूरी तैनाती और तैयारी की गई है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर पर 16 दौर की शांति वार्ता के बाद भी चीनी वायु सेना द्वारा उकसावे की कार्रवाई जारी है.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी वायु सेना की ओर से हवाई गतिविधि का दुस्साहस पिछले महीने शुरू हुआ था. जून के अंतिम सप्ताह में चीनी विमान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय चौकियों के बहुत करीब आ गए थे. इसके बाद भारतीय वायु सेना (IAF) ने इस पर ऐतराज जताया और किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त उपकरणों की तैनाती कर दी.