
: राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम पूरे देश में छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक, NIA ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े लिंक पर देशभर में छापेमारी की है। टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के मामले में जांच एजेंसी ने छापा मारा है। इस मामले में एनआईए ने इस मामले में एक दर्जन से अधिक केस दर्ज किए हैं, जिसमें पीएफआई का लिंक मिला है। ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारियां 10 से अधिक राज्यों में हुई हैं।
एनआईए ने यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत कई राज्यों में पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है। एनआईए को भारी संख्या में पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसके आधार पर जांच एजेंसी आज कार्रवाई कर रही है। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने को लेकर ये अब तक का सबसे बड़ा एक्शन है।
एनआईए की इस छापेमारी में तमाम PFI अधिकारियों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। इसमें केरल के मंजेरी में PFI के चेयरमैन ओएम अब्दुल सलाम के घर भी छापेमारी हुई है। बताया गया है कि ये रेड देर रात शुरू हुई और अब तक जारी हैं। इसमें पीएफआई के तमाम छोटे और बड़े दफ्तर शामिल हैं। इस छापेमारी की खबर मिलते ही पीएफआई के कार्यकर्ता इसके खिलाफ प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
पीएआई महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा कि फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को दबाने के लिए एजेंसियों की इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का ताजा उदाहरण आधी रात को देखने को मिला, जब केंद्रीय एजेंसियों एनआईए और ईडी ने लोकप्रिय नेताओं के घरों में छापेमारी की। राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घर छापेमारी की जा रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को शांत करने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करने को कदमों का कड़ा विरोध करें।