
कानपुर: क्या कानपुर पुलिस ठेकेदार को जलाने के आरोपी बिल्डर को बचाने में जुटी हुई है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि पुलिस के जले हुए ठेकेदार से कथित पूछताछ का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें पुलिस जले हुए ठेकेदार से पूछताछ कर रही है। सवाल ऐसे हैं, जो पूरे मामले पर पानी डालने की कोशिश करते लगते हैं। ठेकेदार के मुंह से यह कहलवाने का प्रयास किया जाता दिख रहा है कि आग ठेकेदार ने नहीं लगाई, बल्कि उसने खुद लगा दी। अब इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस सवालों के घेरे में है। दरअसल, पूरा मामला कानपुर के चकेरी इलाके का है। यहां पर शैलेंद्र श्रीवास्तव नामक बिल्डर पर आरोप है कि उसने ठेकेदार राजेंद्र पाल को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया।
राजेंद्र पाल को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस वहीं पर पूछताछ करने पहुंची तो आरोप लगा है कि उसने पूरे मामले को अलग ही रूप देने की कोशिश की। इस घटना में राजेंद्र पाल की मौत हो गई। इससे पहले दिए गए बयान का जो वीडियो जो वायरल हो रहा है, उसमें पूछताछ के दौरान वह कहता नजर आ रहा है कि उसे बिल्डर ने जलाया। वहीं, पुलिस कहती दिख रही है कि अगर बिल्डर पैसे नहीं दे रहा था तो आग लगाने की क्या जरूरत थी? पुलिस के पास आना चाहिए था, हम मामला दर्ज करते। इस पर घायल ठेकेदार कहते नजर आते हैं कि हमने आग नहीं लगाई, ठेकेदार ने आग लगा दी। लेकिन, पुलिस अधिकारी लगातार उससे खुद को आग लगाए जाने का दावा करते दिखते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद सवाल यह उठ रहा है कि आखिर पुलिस ठेकेदार को बचाने की कोशिश करती क्यों दिख रही है?
मृतक के बेटे ने लगाया गंभीर आरोप
मृतक के बेटे अरविंद ने कहा कि उसके पिता राजेंद्र पाल शटरिंग का काम करते थे। बिल्डर श्याम श्रीवास्तव पर उनका 18 लाख रुपये बकाया था। बेटे ने बताया कि जब भी पिता बकाया रुपयों की बात करता तो बिल्डर धमकी देने लगता था। बेटे ने कहा कि इसकी शिकायत उसके पिता ने पुलिस से भी की थी। अरविंद ने बताया कि इस मामले की जानकारी उसके पिता ने डीसीपी को लिखित आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने बिल्डर के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की। मृतक ठेकेदार के बेटे अरविंद ने कहा कि बकाया रुपयों को लेकर उसके पिता पिछले एक साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे, किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।