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KANPUR : PFI के ठिकानों पर एनआईए की छापामारी, दो संदिग्ध को हिरासत में लिया गया

Network Today

9 November , 2022 अपडेट 1:15

कानपुर ,यूपी। कानपुर में 3 जून 2022 को हुई  हिंसा में पीएफआई का कनेक्शन सामने आया था। मंगलवार को एनआईए की टीम ने दलेलपुरवा (बांसमंडी) में 3 जगह पर छापामारी की थी। सूत्रों की माने तो  दो संदिग्ध  को हिरासत में लिए गया हैं। कहा जा रहा है कि जहां पर एनआईए की टीमें दस्तावेज खंगाल रही हैं। वो सभी पीएफआई के दफ्तर हैं।
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फिलहाल लोकल थानों की पुलिस इस मामले में कुछ कहने से बच रही है। एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक जांच खत्म होने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जाएगा।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को आर्थिक मदद और संगठन को मजबूत करने वालों की तलाश में राष्ट्रीय जांच एजेंसी लगातार देश भर में छापेमारी कर रही है। मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की तीन सदस्यीय टीम ने अनवरगंज थाना क्षेत्र के बांस मंडी स्थित दलेल पुरवा में बेबिस कंपाउंड में छापा मारा। सूत्रों की मानें तो एनआईए ने दो लोगों को हिरासत में लिया और साथ लेकर चली गई। टीम ने चमनगंज,बाबूपुरवा और जाजमऊ क्षेत्रों में भी छापेमारी की है। टीम को यहां रहने वाले तीन युवाओं की तलाश है।

सूत्रों की मानी जाए तो जांच एजेंसी के सदस्य डिप्टी पड़ाव स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पुराने कार्यालय भी गए। हालांकि संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद से कार्यालय बंद है और लंबे समय से कोई चहलपहल नहीं देखी गई है। बीती तीन जून को शहर में हुए उपद्रव के बाद इस कार्यालय की भूमिका संदिग्ध बताई गई थी। एनआईए के बाद अनवरगंज थाना पुलिस ने भी दोनों संदिग्धों के घर जाकर परिवारवालों से लंबी पूछताछ की।

बीते दिनों इस बात का दावा किया जा रहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के तमाम लोग कानपुर में छिपे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुए बवाल और तीन जून को हुए बवाल में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका सामने आई थी। कानपुर में लगभग 8 सदस्यों को चिन्हित करके गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा जा चुका है। तीन सदस्य अभी भी जेल में हैं,जबकि बाकी रिहा हुए पांच में एक फरार है। उसके बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

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