Trending

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस: वकील अभय नाथ यादव के निधन से मुस्लिम पक्ष की टेंशन बढ़ी

Network Today

वाराणसी। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस  सूर्यकांत और जस्टिस  पी.एस. नरसिम्ह की बेंच अक्टूबर में सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह विवादित स्थल के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति को वैध ठहराने संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी की अपील को अक्टूबर के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए स्थगित कर रही है.

  • नए वकील को लेकर मसाजिद कमेटी की होगी बैठक
  • 4 अगस्त को कोर्ट में मुस्लिम पक्ष को देना है जवाब

वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है. उनकी तरफ से कोर्ट में पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अभय नाथ यादव का हार्ट अटैक से निधन हो गया है. मुस्लिम पक्ष वकील अभय नाथ यादव की अगुवाई में ही सारे केस लड़ रहा था. मसाजिद कमेटी की मानें तो उनकी कमेटी की बैठक में आगे की रणनीति पर निर्णय होगा कि अगला वकील किसको रखा जाए.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के जनरल सेक्रेट्री मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने बताया कि 2015-2016 से वकील अभय नाथ यादव उनके संपर्क में थे. वह उनके निधन से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उनसे भी अच्छे वकील मिल जाएं लेकिन निजी तौर पर जो नुकसान हुआ है, उसकी तकलीफ हम सभी को है.

कमेटी की बैठक में बनेगी आगे की रणनीति

जिला जज की अदालत में चल रहे ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस की पोषणियता पर सवाल उठाते हुए अभय नाथ यादव ने बड़ी ही संजीदगी से अपना पक्ष रखा था. अब 4 अगस्त को अभय नाथ यादव को ही कोर्ट में प्रतिउत्तर रखना था.

 

अगली सुनवाई में कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से जवाब दाखिल करने के सवाल पर जनरल सेक्रेट्री ने बताया कि विकल्प तो तलाशना ही होगा. अब मसाजिद कमेटी की बैठक में तय होगा कि इस केस के लिए किसी वकील को रखा जाए या नहीं या फिर अभय नाथ यादव के अलावा दूसरे मौजूदा वकील ही केस को लड़ने के लिए सक्षम हैं.

वकील के निधन से केस पर पड़ने वाले असर के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि कोई ज्यादा असर नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि बनारस जैसी जगह पर कई सीनियर वकील मौजूद हैं. हम कोशिश करेंगे कि कोई बड़ा नुकसान न होने पाए. हम मायूस नहीं होंगे.

19 मई को पेश की गई थी सर्वे रिपोर्ट

दिल्ली निवासी राखी सिंह और दूसरे लोगों की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज की अदालत ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने का निर्देश दिया था. सर्वे का यह काम 16 मई को पूरा हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी.

सील कर दिया गया है वजूखाने का हिस्सा 

हिंदू पक्ष ने सर्वे के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली संरचना के शिवलिंग होने का दावा किया था. उधर, मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के इस दावों को नकारते हुए कहा था कि वह आकृति शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है.  इसके बाद कोर्ट ने परिसर के विवादित हिस्से को सील करने का आदेश दिया था.

 

 

 

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button