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छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में सर्व आदिवासी समाज के लोग मणिपुर हिंसा का विरोध कर रहे हैं। महिलाएं और युवा मंत्रियों का पुतला फूंक कर, दुकानें बंद कर, रैली निकाल कर और नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
मणिपुर में बीते लगभग 2 महीने से हो रही बेतहाशा हिंसा और कुछ दिनों पहले महिलाओं का नग्न वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है। इसी कड़ी में बालोद जिले में आदिवासी समाज की छात्राओं एवं महिलाओं ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्रियों का इस्तीफा मांगते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।
आदिवासी छात्राओं एवं महिलाओं का कहना है कि मणिपुर जल रहा है। महिलाओं की इज्जत तार-तार हो रही है और यहां पर जिम्मेदार मौन बैठे हुए हैं। आखिर कोई क्यों एक्शन नहीं लिया जा रहा है। हम सब इस घटना का विरोध करते हैं और उन सरकारों को शर्म आनी चाहिए। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पीएम मोदी के नाम को गधे की तस्वीर के साथ लगा दिया।
कुकी समुदाय के लोगों की बेज्जती की जा रही
आदिवासी युवती नीलिमा श्याम ने बताया 4 मई को शूट किया गया एक वीडियो कुछ दिन पहले सामने आया, जिसमें मणिपुर में युद्धरत समुदायों में से एक की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया जा रहा है और दूसरे पक्ष की भीड़ उनके साथ छेड़छाड़ कर रही है। कथित मुख्य आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना की देशभर में व्यापक निंदा हुई है। कुकी समुदाय के लोगों की मणिपुर में बेइज्जती की जा रही है। महिलाओं के साथ अत्याचार और बलात्कार हो रहे हैं।
घटना ने बेटियों को शर्म से झुका दिया
युवतियों हाथों में तख्तियां और पेंटिंग्स लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। इसमें प्रधानमंत्री के नाम के साथ गधे की तस्वीर भी लगा दी गई है। महिलाएं और युवतियां भारत मां के आंचल में बेटियों को सुरक्षित रखने का संदेश दे रही हैं। उनका कहना है कि आज पूरे देश में महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है। मणिपुर की इस घटना ने पूरे देश में बेटियों को शर्म से झुका दिया है। आज बेटियों के सिर को ऊंचा करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यहां पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को भी ढोंग का नाम इन युवतियों ने दिया है।
राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग
प्रदर्शनकारी युवतियों और महिलाओं ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। इन युवतियों के मन में सरकारों के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है। महिला आशा नोन्हारे ने कहा कि जिम्मेदारों ने मौन अपना लिया है। संसद में मणिपुर के नाम से राजनीति हो रही है। आखिर वहां जलते राज्य पर शुधि कौन लेगा। हम राष्ट्रपति के भी इस्तीफा की मांग करते हैं। पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है, लेकिन अभी तक समुदाय विशेष को लेकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।