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वीरेंद्र कुमार| Updated on: Nov 24, 2023 | 13:38 PM
चीन।करोना से उबरते ही चीन से एक और बड़ी डराने वाली खबर सामने आ रही है. वहां बच्चों में रहस्यमयी बीमारी देखने को मिल रही है, जिसके लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते हैं. WHO ने चीन से बीमारी की डिटेल मांगते हुए जानकारी दुनिया को सार्वजनिक की है . इसके साथ ही ये खौफ बढ़ता जारहा है कि क्या चीन एक बार फिर सांस से जुड़ी कोई खतरनाक बीमारी दुनिया को देने वाला है.
चीन में एक बार फिर रहस्यमयी निमोनिया की पहचान की गई है. इस बार वुहान की जगह रहस्यमयी संक्रमण के मामले बीजिंग और लिओनिंग में सामने आए हैं. इसका खुलासा उसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ProMED ने किया है, जिसने कोरोना महामारी के बारे में सबसे पहले दुनिया को आगाह किया था. आइए समझते हैं कि
कोरोना महामारी का दर्द अभी दुनिया ने झेला है. दुनिया इस बात से बखूबी वाकिफ है कि चीन से निकलने वाली जानलेवा बीमारी तबाही और सिर्फ तबाही मचाती है. अब उत्तरी चीन के लिओनिंग में कथित रूप से एक रहस्यमयी निमोनिया की पहचान की गई है, जिससे बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग रही है. इस निमोनिया की संवेदनशीलता को देखते हुए उसी संस्था ने फिर से अलर्ट जारी किया है, जिसने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया को सबसे पहले आगाह किया था.

आपको याद होगा कि 2019 में कोविड वायरस की वुहान शहर में पहचान हुई थी. फिर धीरे-धीरे पूरे शहर, फिर देश और दुनियाभर में यह वायरस फैल गया. लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई. दुनियाभर के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था धाराशायी हो गई. ProMED संक्रामक बीमारियों पर नजर रखने वाली एक अंतरर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर अमेरिका के बोस्टन में है. इसी संस्था ने कोरोना वायरस के बारे में सबसे पहले दुनिया को जानकारी दी थी.
इसके बाद वैश्विक मीडिया ने वायरस को लेकर कवरेज शुरू की. पता चला कि चीन में एक ही झटके में हजारों लोगों को अस्पतालों में एडमिट कराने की जरूरत पड़ी है. 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस को एक महामारी घोषित किया और तबतक वायरस 212 देशों में अपने पांव पसार चुका था. कमोबेश 30 लाख लोग तीन महीने में प्रभावित हुए थे.
ProMED ने एक बार फिर जारी किया निमोनिया का अलर्ट
ProMED ने उत्तरी चीन स्थित लिओनिंग प्रांत में एक और रहस्यमयी निमोनिया का खुलासा किया है. जारी अलर्ट में कहा गया है, “निमोनिया के आउटब्रेक के साथ ही बीजिंग, लिओनिंग से लेकर अन्य प्रांतों में बच्चों के अस्पतालों में भारी भीड़ लग रही है. स्कूलों को बंद कर दिया गया है. बच्चों के परिवार घबराए हुए हैं.” वे प्राशसन से पूछ रहे हैं कि कहीं किसी एपिडेमिक को छिपाने की कोशिश तो नहीं की जा रही है.
चीन के द्वारा बताया गया था कि उनके यहां ज्यादातर बच्चों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी फैल रही है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)ने बीजिंग से रहस्यमयी बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने को कहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वक्त में चीन के ज्यादातर अस्पतालों में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज हो रहा है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों चीन से यह खबर आई थी कि चीन में बच्चों में एक अलग तरह की बीमारी हो रही है। इसमें कहा गया कि बच्चे एक रहस्यमयी निमोनिया जैसी बीमारी की वजह से इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी के लिए कोविड-19 प्रतिबंध में ढील देने को जिम्मेदार ठहराया और इसकी ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने को कहा है। चीन का कहना है कि उनके यहां ज्यादातर बच्चों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी फैली है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीजिंग से इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी मांगी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के चीनी अधिकारियों ने 12 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांस संबंधी बीमारियों में इजाफे की जानकारी दी थी। डब्ल्यूएचओ ने बीमार हुए बच्चों में इन्फ्लूएंजा, एसएआरएस-सीओवी-2, माइकोप्लाज्मा निमोनिया को लेकर अतिरिक्त जानकारी मांगी है। चिंता जाहिर की जा रही है कि चीन में बच्चों के बीमार होने की हालिया घटनाएं कोविड जैसे लक्षणों को दोहराती दिख रही हैं।
कोविड पाबंदियों में छूट के बाद सामने आए केस
वायरस पर नजर रखने वाली संस्था के मुताबिक, चीन ने हाल ही में कोरोना महारामी की पाबंदियों में छूट दी है, और इसके बाद ही इस तरह के केस सामने आने लगे हैं. इसी साल इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा और ब्रोंकोनिमोनिया जैसी संक्रामक बीमारी का आउटब्रेक हो चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से ताजा रहस्यमयी निमोनिया को लेकर रिपोर्ट मांगी है. संगठन ने कहा है कि अगर किसी तरह की मदद की जरूरत है तो वो भी प्रदान की जाएगी. निमोनिया के बारे में तमाम जानकारी मांगी गई है.

चीन में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ा। – फोटो : Social Media
क्या कोरोना से खतरनाक वायरस है चीनी निमोनिया? महामारी का पर्दाफाश करने वाली संस्था इस पर क्या कहा देखिये ये रिपोर्ट…
चीन पर फिर मंडराया रहस्यमयी बीमारी का खतरा, क्यों अक्सर China या अफ्रीकी देशों से फैलते रहे हैं ये खतरनाक वायरस?
कोरोना से उबरते ही चीन से एक और बड़ी डराने वाली खबर सामने आ रही है. वहां बच्चों में रहस्यमयी बीमारी देखने को मिल रही है, जिसके लक्षण निमोनिया से मिलते-जुलते हैं. WHO ने चीन से बीमारी की डिटेल मांगते हुए जानकारी दुनिया को सार्वजनिक की है . इसके साथ ही ये खौफ बढ़ता जारहा है कि क्या चीन एक बार फिर सांस से जुड़ी कोई खतरनाक बीमारी दुनिया को देने वाला है.
चीन में एक बार फिर रहस्यमयी निमोनिया की पहचान की गई है. इस बार वुहान की जगह रहस्यमयी संक्रमण के मामले बीजिंग और लिओनिंग में सामने आए हैं. इसका खुलासा उसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ProMED ने किया है, जिसने कोरोना महामारी के बारे में सबसे पहले दुनिया को आगाह किया था. आइए समझते हैं कि
कोरोना महामारी का दर्द अभी दुनिया ने झेला है. दुनिया इस बात से बखूबी वाकिफ है कि चीन से निकलने वाली जानलेवा बीमारी तबाही और सिर्फ तबाही मचाती है. अब उत्तरी चीन के लिओनिंग में कथित रूप से एक रहस्यमयी निमोनिया की पहचान की गई है, जिससे बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग रही है. इस निमोनिया की संवेदनशीलता को देखते हुए उसी संस्था ने फिर से अलर्ट जारी किया है, जिसने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया को सबसे पहले आगाह किया था.
आपको याद होगा कि 2019 में कोविड वायरस की वुहान शहर में पहचान हुई थी. फिर धीरे-धीरे पूरे शहर, फिर देश और दुनियाभर में यह वायरस फैल गया. लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई. दुनियाभर के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था धाराशायी हो गई. ProMED संक्रामक बीमारियों पर नजर रखने वाली एक अंतरर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर अमेरिका के बोस्टन में है. इसी संस्था ने कोरोना वायरस के बारे में सबसे पहले दुनिया को जानकारी दी थी.
इसके बाद वैश्विक मीडिया ने वायरस को लेकर कवरेज शुरू की. पता चला कि चीन में एक ही झटके में हजारों लोगों को अस्पतालों में एडमिट कराने की जरूरत पड़ी है. 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस को एक महामारी घोषित किया और तबतक वायरस 212 देशों में अपने पांव पसार चुका था. कमोबेश 30 लाख लोग तीन महीने में प्रभावित हुए थे.
ProMED ने उत्तरी चीन स्थित लिओनिंग प्रांत में एक और रहस्यमयी निमोनिया का खुलासा किया है. जारी अलर्ट में कहा गया है, “निमोनिया के आउटब्रेक के साथ ही बीजिंग, लिओनिंग से लेकर अन्य प्रांतों में बच्चों के अस्पतालों में भारी भीड़ लग रही है. स्कूलों को बंद कर दिया गया है. बच्चों के परिवार घबराए हुए हैं.” वे प्राशसन से पूछ रहे हैं कि कहीं किसी एपिडेमिक को छिपाने की कोशिश तो नहीं की जा रही है.
ProMED के मुताबिक, चीन की राजधानी बीजिंग के अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती कराए गए हैं. एक शख्स ने बताया कि बड़ी संख्या में बच्चे अस्पतालों में भर्ती हुए हैं. उनमें ना तो कफ की शिकायत है और ना ही कोई लक्षण है… बस बच्चों को तेज बुखार है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है. लिओनिंग प्रांत में भी हालात खराब हैं. इस कथित रहस्यमयी निमोनिया के ऑरिजिन के बारे में फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता.
चीन के द्वारा बताया गया था कि उनके यहां ज्यादातर बच्चों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी फैल रही है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)ने बीजिंग से रहस्यमयी बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने को कहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वक्त में चीन के ज्यादातर अस्पतालों में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज हो रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों चीन से यह खबर आई थी कि चीन में बच्चों में एक अलग तरह की बीमारी हो रही है। इसमें कहा गया कि बच्चे एक रहस्यमयी निमोनिया जैसी बीमारी की वजह से इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी के लिए कोविड-19 प्रतिबंध में ढील देने को जिम्मेदार ठहराया और इसकी ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने को कहा है। चीन का कहना है कि उनके यहां ज्यादातर बच्चों में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी फैली है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीजिंग से इस रहस्यमयी बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी मांगी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के चीनी अधिकारियों ने 12 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांस संबंधी बीमारियों में इजाफे की जानकारी दी थी। डब्ल्यूएचओ ने बीमार हुए बच्चों में इन्फ्लूएंजा, एसएआरएस-सीओवी-2, माइकोप्लाज्मा निमोनिया को लेकर अतिरिक्त जानकारी मांगी है। चिंता जाहिर की जा रही है कि चीन में बच्चों के बीमार होने की हालिया घटनाएं कोविड जैसे लक्षणों को दोहराती दिख रही हैं।
कोविड पाबंदियों में छूट के बाद सामने आए केस
वायरस पर नजर रखने वाली संस्था के मुताबिक, चीन ने हाल ही में कोरोना महारामी की पाबंदियों में छूट दी है, और इसके बाद ही इस तरह के केस सामने आने लगे हैं. इसी साल इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा और ब्रोंकोनिमोनिया जैसी संक्रामक बीमारी का आउटब्रेक हो चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से ताजा रहस्यमयी निमोनिया को लेकर रिपोर्ट मांगी है. संगठन ने कहा है कि अगर किसी तरह की मदद की जरूरत है तो वो भी प्रदान की जाएगी. निमोनिया के बारे में तमाम जानकारी मांगी गई है.

चीन में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ा। – फोटो : Social Media
क्या फिर से वुहान बनेगा लिओनिंग?
लिओनिंग चीन की राजधानी बीजिंग से कमोबेश 700 किलोमीटर की दूरी पर है. ProMED के मुताबिक, वायरस का प्रकोप बीजिंग और लिओनिंग में सबसे ज्यादा देखा गया है. अंतरराष्ट्रीय संस्था ने इस निमोनिया को एपिडेमिक करार दिया है.गौरतलब है कि 2019 में कोरोना वायरस की पहचान वुहान शहर में हुई थी. अभी तक इससे पर्दा नहीं उठ सका है कि असल में वायरस कहां से आया और कैसे फैला. विश्व स्वास्थ्य संगठन इसपर काम कर रहा है.
लिओनिंग चीन की राजधानी बीजिंग से कमोबेश 700 किलोमीटर की दूरी पर है. ProMED के मुताबिक, वायरस का प्रकोप बीजिंग और लिओनिंग में सबसे ज्यादा देखा गया है. अंतरराष्ट्रीय संस्था ने इस निमोनिया को एपिडेमिक करार दिया है.गौरतलब है कि 2019 में कोरोना वायरस की पहचान वुहान शहर में हुई थी. अभी तक इससे पर्दा नहीं उठ सका है कि असल में वायरस कहां से आया और कैसे फैला. विश्व स्वास्थ्य संगठन इसपर काम कर रहा है.