
जी पी अवस्थी ने खास बातचीत की कानपुर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी से………
मेहनत इतनी करो की सफलता शोर मचा दे। ये कहावत कानपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी पर चरितार्थ होती है। 90 के दशक के पूर्वार्द्ध में फर्रुखाबाद छात्र संघ अध्यक्ष पद पर विजयी होने से लेकर, लगभग डेढ़ दशक से भाजपा के सक्रिय सदस्य रहने, पांच साल से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहने तक, पूरे पॉलिटिकल करियर में उनके दामन पर कोई भी दाग नहीं। पत्रकारिता करियर भी निर्विवाद रहा। घर में एक बुजुर्ग के आरएसएस पदाधिकारी होने के कारण कार्यशैली और सेवा भाव भी वैसी ही रहा। बिना हल्ला किए, बिना किसी शोर-शराबे के शांति से भाजपा संगठन के लिए लगभग दो दशक से काम कर रहे हैं। उनके द्वारा आयोजित अटल काव्यांजलि हो, स्वच्छा यात्रा या मैंगो फेस्टिवल, सामाजिक इतने की शहर में हर आम और खास के बीच एक सभ्य और सरल स्वभाव वाले व्यक्ति की छवि है। कानपुर ही उनकी कर्मभूमि भी रही। दो दशक से कानपुर के ही परमानेंट निवासी भी हैं। इन्हीं सब बातों ने उनको भाजपा के लिए कानपुर लोकसभा सीट का सबसे सूटेबिल दावेदार बना दिया। जानकारों का कहना है कि भाजपा को नए चेहरे के रूप में रमेश अवस्थी से बेहतर कैंडिडेट नहीं मिल सकता था।

– बोले जीत तो दूर की बात, बूथों पर कांग्रेस के बस्ते तक नहीं लगेंगे
यूपी/कानपुर। लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी से जब पूछा गया कि उनके लिये बाहरी कैंडीडेट, पैराशूट कैंडीडेट और असल जनप्रतिनिधि या नेता नहीं होने, पार्टी से पुराना जुड़ाव नहीं होने जैसी बातें कही जा रही हैं। इन सारे आरोपों और तथ्यों पर आपका क्या कहना है…इसपर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और पूर्व पत्रकार रहे रमेश अवस्थी ने दिल खोलकर जवाब दिये। बेहद काॅन्फीडेंट टोन में उन्होंने कहा कि सारी पार्टी एकजुट होकर ताकत से उन्हें चुनाव लड़ा रही है। वो लड़ रहे हैं विरोधियों की जमानत जब्त करवाने को…बस अब कानपुर सीट पर जीत का अंतर देखियेगा…बूथ लेविल की बात की गई है तो वो भी देखियेगा…हर बूथ पर विरोधी मुंहकी खायेंगे। रमेश अवस्थी के अनुसार कांग्रेस या पूरे एलायंस में श्रीप्रकाश जायसवाल और अजय कपूर जैसे जनाधार वाले नेता भी अब नहीं हैं। पूर्वी और दक्षिणी कानपुर में तो कांग्रेस का जनाधार खत्म है। सपा का दक्षिण या पश्चिम कानपुर में जनाधार कभी था ही नहीं। इसलिये अब तो बूथों के बाहर उनके बस्ते तक नहीं लगेंगे…लोक सभा जीतने की बात तो दूर की है। चुनाव बाद वैसे ही ये ‘ठग’बंधन टूट जायेगा…जानिये आरोपों पर उन्होंने रमेश अवस्थ ने और क्या-क्या कहा….
रमेश अवस्थी ने कहा कि विरोधी परेशान हैं कि भाजपा ने कानपुर से एक ऐसा कैंडीडेट उतार दिया है जिसका दामन पूरी तरह पाक-साफ है। न तो उसके कोई वाद-विवाद हैं और न ही किसी किस्म के भ्रस्टाचार के आरोप हैं। सबसे बड़ी बात ये कि बेहद सामाजिक होने के साथ ही लंबे समय तक कानपुर परिक्षेत्र में पत्रकारिता भी की है, जिससे ये कैंडीडेट हर प्रकार की जन समस्या और उसके निदान से जमीनी स्तर पर वाकिफ है। ऐसा कैंडीडेट जो आम जनता और संघ से लेकर आम भाजपा कार्यकर्ता तक की पसंद है। पाॅलिटिक्स की ए-बी-सी-डी उनके लिये नई नहीं है, राजनीति की हर बारीकी बखूबी समझते हैं। 90 के दशक के पूर्वार्द्ध में फरूखाबाद के सबसे बड़े, हजारों छात्र संख्या वाले बद्री विशाल पीजी काॅलेज में छात्रसंघ का प्रसीडेंट रहा। उस समय इतने बड़े छात्र संघ का अध्यक्ष मिनी विधायक माना जाता था। छात्रसंघ का जलवा हुआ करता था। 1987 में कानपुर के एसडी काॅलेज में दाखिला लिया। वीएसएसडी और डीएवी काॅलेज में वर्षों स्टूडेंट पाॅलिटिक्स में सक्रिय रहे। छात्र जीवन कानपुर महानगर में बिताया। अब दो दशकों से इसी कानपुर शहर में मेरा घर है, यहीं कर्मस्थली है। अब इतने सबके बावजूद प्रतिद्वंदी पाॅलिटीशियंस बेतुके आरोप लगाते हैं कि मैं बाहर का आदमी हूं।
रमेश अवस्थी के अनुसार सनातन यात्रायें हों, या अटल काव्यांजली हों। हम 2007 से लगातार अटल काव्यांजलि आयोजित करवा रहे हैं। गांधी जी के आदर्शों से प्रेरित सरकार के जन-सरोकारों वाले स्वाच्छता आदि अभियानों से सीधे जुड़े। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने गांधी जी के स्वच्छता वाले विचारों को धरातल पर उतारा। 2016 में सबसे बड़ी स्वच्छता जागरूकता यात्रा हरिद्वार से लेकर बनारस तक निकाली। एक सप्ताह का प्रवास किया, लगातार गंगा के घाटों को अभियान में शामिल किया। पीएम की ओर से इस प्रयास को लेकर प्रशंसा पत्र भी मिला। करोना काल के दौरान पब्लिक के बीच रहकर संगठन के साथ सेवा की। आगरा में साथी पत्रकार की मौत के बाद उनके परिजनों को अपने नेशनल मीडिया क्लब के माध्यम से 1 लाख की आर्थिक सहायता पहुंचाई। सबसे पहले हम सनातनी हैं। संघ में रहे परिवार के बड़े भाई से प्रेरित होकर उसी पैर्टन पर जीवन जिया है। बाल्यकाल से ही स्वयं सेवक रहे।
अभी तक आप नेताओं से प्रश्न पूछते थे अब प्रश्नों की बौछार खुद सहनी पड़ रही है कैसा महसूस कर रहे हैं आप ?
निश्चित रूप से अच्छे महसूस कर रहा हूं प्रश्न पूछना तो आगे भी जारी रहेगा बस फर्क इतना होगा कि अब कानपुर की जनता और क्षेत्र के सवाल संसद में प्रमुखता से हम उठाएंगे
आप ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कानपुर को ही क्यों चुना?
कानपुर मेरा कर्म क्षेत्र है यही मैं छात्र राजनीति में सक्रिय रहकर राजनीति का ककहरा सीखा छात्र संघ का अध्यक्ष रहा वर्ष 2013 से मैं भाजपा की प्रदेश कार्य समिति का सदस्य हूं बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव रहा मेरे भाई जनसंघ से चुनाव लड़े थे पूरा परिवार संघ की विचारधारा से प्रभावित रहा है मेरा स्थानीय आवास कानपुर में ही है जाहिर है कि कानपुर मेरा अपना शहर है इससे खास लगाव है मेरा पुराना सपना है कि कानपुर की पहचान देश के प्रमुख विकसित शहरों में हो ।
–सिर्फ बीजेपी विचार आधारित पार्टी बाकी सब परिवार आधारित
– मजदूर व्यापारियों उद्योगों की समस्याओं पर खास ध्यान देंगे
– कानपुर मेरा कर्म क्षेत्र छात्र जीवन में राजनीति यहीं से सीखी संघ से जुड़ाव रहा
भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आप अन्य दलों और नेताओं से अलग करके कैसे देखते हैं?
भारतीय जनता पार्टी अन्य दलों से अलग इसलिए है कि इसकी बुनियाद एक विचारधारा पर आधारित है भाजपा ने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया पार्टी ने हमेशा दल से ऊपर देश को माना जबकि अन्य सभी दल महज सत्ता पाने की राजनीति तक ही सीमित है गैर वाजपेई दलों का मकसद देश का विकास नहीं है कमोबेश सभी का उद्देश्य अपने परिवारों को सत्ता में स्थापित करना है हमारे सर्वमान्य नेता नरेंद्र मोदी जी की खासियत यह है कि वह हमेशा देश के लिए सोचते हैं प्रधानमंत्री ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 10 दिन की छुट्टी भी नहीं ली उनका विजन साफ है जहां अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर उच्च कोटि का रहता है वहीं स्थानीय मुद्दों पर भी उनकी समझ उतनी संवेदना से भरी है मोदी जी प्रधानमंत्री के तौर पर भी तथा संगठन के स्तर पर भी अपने स्थानिक जुड़ाव को हमेशा प्राथमिकता देते हैं यही कारण है कि मोदी के मन में कानपुर बसता है और कानपुर के मन में मोदी मोदी जी जो कहते हैं की जनता सपना देखेगी और उन सपनों को पूरा करने का संकल्प हम लेंगे।

अक्सर देखा जाता है कि जनता के काम सरकारी तंत्र की लाल फीता शाही में अटके रहते हैं इस समस्या का आपके पास क्या समाधान है?
इस समस्या के समाधान के लिए एक सांसद के रूप में भविष्य में मैं सबसे ज्यादा सजग रहने वाला हूं मेरा कार्यालय इस पर दिन-रात काम करेगा जनता की समस्याओं को सुनने और यह सुनिश्चित करने के लिए की कानपुर के विकास का मॉडल कैसा हो एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा हम चाहते हैं कि कानपुर के विकास का मॉडल कानपुर के लोग ही तय करें हम अधिकारियों पर कभी भी नाजायज काम के लिए दबाव नहीं बनाएंगे लेकिन जन सरोकार के कार्यों व शासन की योजनाओं में अधिकारियों को लापरवाही भी नहीं बरतने देंगे देश प्रदेश की सरकारों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराकर लाल फीता शाही शैली से काम करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई सुरक्षित करेंगे ।
यूपी की आर्थिक राजधानी कानपुर में उद्योग धंधे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं आप इसके पुराने स्वरूप को कैसे बहाल करेंगे?
कानपुर के पुराने उद्योगों के विकास के लिए नई तकनीकी आधारित एक वृद्धा योजना हम तैयार करेंगे इस योजना पर भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकारी जरूरत के हिसाब से निर्णय लेंगे और उसे पर अमल सुनिश्चित कराएगी।
कानपुर मजदूर और व्यापारियों का शहर है इस वर्ग के लिए आपके पास कोई खास प्लान है?
कानपुर के उद्योगों में कार्य मजदूरों का जीवन स्तर ऊपर उठाया जाएगा मजदूरों के परिवारों की स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी समस्याओं पर हम प्राथमिकता से ध्यान देंगे संगठित और असम घटित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने बहुत काम किया है प्रदेश सरकार की योजनाओं का फायदा सीधे मजदूरों को मिल रहा है व्यापारियों के अंदर योगी सरकार की चुस्त कानून व्यवस्था ने सुरक्षा का एक वातावरण पैदा किया है हम इस बात को सुरक्षित करेंगे कि व्यापारियों की समस्याओं का समाधान सिंगल विंडो सिस्टम के तहत हो।

आप अपनी जीत के प्रति कितने अस्वस्थ हैं अपनी टक्कर किस प्रत्याशी व दल से मानते हैं?
हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है पिछले 10 साल की उपलब्धियां पर भारतीय जनता पार्टी जनता के बीच जा रही है यह मोदी की गारंटी है कि कानपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की विजय शॉप प्रतिशत सुनिश्चित हो चुकी है हमारी टक्कर किसी से भी नहीं है हकीकत यह की इस बार बीजेपी को जीतने वोट मिलने जा रहे हैं उसके एक चौथाई भी विरोधी प्रत्याशी को नहीं मिलने वाले हैं।
वायनाड में राहुल, राय बरेली में सोनिया हैं बाहरी, मैं नहीं!
रमेश अवस्थी कहते हैं 2013 से भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। 2019 से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में बांदा से प्रत्याशिता में प्रमुख नाम था। लगातार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में लगातार पार्टी से कार्य करता रहा। शांति और मेहनत से, लेकिन खामोशी से संगठन व पार्टी के लिये काम करता रहा। अंत में टिकट के रूप में संगठन का विश्वास जीतने में कामयाब रहा। बाकी बातें विरोधी पार्टियों के कैंडीडेट उछाल रहे हैं। उनसे पूछिये कि क्या मेरी पार्टी के सांसद, मेयर, किसी भी विधायक या एक भी पदाधिकारी अथवा कार्यकर्ता तक ने मुझे टिकट दिये जाने का विरोध किया क्या? किस आधार पर मुझपर फर्जी आरोप लगाते हैं? जो विरोधी हैं उनके पास कुछ मुद्दा नहीं बचा हैं। कांग्रेसी खुद ये नहीं देखते कि राहुल गांधी का क्या है वायनाड में या, सोनिया गांधी का क्या है राय बरेली में..? फिर इस देश के बाहर का कौन है…पूरी दुनिया जानती है। उनके साथ जनता तक खड़ी नहीं हैं। मेरे साथ तो 1986 में मेरी छात्र राजनीति के समय के मित्र और परिचित तक चुनाव में लगे हैं। तो कांग्रेसी पहले अपने बारे में सोचें।

आमजन की समस्याओं की समझ दूसरों से बेहतर
आम जनता की समस्याओं और निदानों को किसी भी दूसरे नेता के मुकाबले ज्यादा बेहतर ढंग से समझते हैं। इसका कारण है उनका पत्रकार होना। एक खांटी पत्रकार होने के कारण वो वर्षों तक सड़कों, गलियों में उतर कर आम जन की समस्यों को महसूस करके लिखते रहे हैं। इन समस्याओं पर अपने लेखों में, खबरों में सरकार को सुझाव देकर समाधान करवाते रहा हूं। फिर मुझसे ज्यादा कौन जानेगा कि पब्लिक की असल समस्यायें क्या हैं? कानपुर के समग्र विकास के लिये यहां की समस्याओं के स्थाई निदान क्या हैं, मैं अच्छी तरह समझता हूं। पब्लिक द्वारा मौका देते ही अपनी बात को साबित करूंगा। कानपुर कभी देश का मैनचेस्टर कहलाता था। इसका खोया गौरव वापस दिलाउंगा…कांग्रेसियों की तरह ये केवल बाते नहीं हांेंगी, बल्कि हमारे प्रधानमंत्री और और हमारे मुख्यमंत्री के सहयोग से इस औद्योगिक शहर को बुलंदियों पर पहुंचायेंगे। अगले पांच सालों में आपको कानपुर महानगर की तस्वीर उन्नत और बदली नजर आयेगी। ऐसा केवल हमारा नहीं, भाजपा का वादा है।