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- चार जून को हाशमी को किया गया था गिरफ्तार
- 11 जून को हाशमी के करीबी के घर चला था बुलडोजर
कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी के हॉस्टल पर भी बुलडोजर चलाने की खबर है. बताया जा रहा है कि हाशमी के छात्रावास को भी नोटिस दिया गया है. पूर्वांचल बालक नाम के हॉस्टल में 40 से अधिक कमरे हैं. हॉस्टल की बिल्डिंग का नाम हाशमी की सौतेली मां के नाम पर रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्स में यह जमीन हाशमी की सौतेली मां शहीदा सफर के नाम है. KDA की ओर से शहीदा जफर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि महज 200 वर्ग गज में ग्राउंड प्लस 2 मंजिल की इमारत में हॉस्टल कैसे चलाया जा रहा है?
KDA अधिकारियों के मुताबिक, बिना नक्शा पास किए ही हॉस्टल बनाया गया है.
कानपुर हिंसा मामले में SIT की जांच में यह बात सामने आई है कि MMA जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने अपने संगठन के नाम पर करोड़ों रुपये जुटाए और शहर में बेनामी संपत्तियां खरीदीं.
चार जून को हाशमी को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि कानपुर हिंसा मामले के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज से चार जून को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बताया कि अब तक इस मामले में 24 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि ह्यूमन इंटेलिजेंस से से पता चला था कि आरोपी शहर छोड़कर जा रहे हैं.।
कानपुर हुए दंगों में पहले भी आ चुका है नाम
हयात जफर हाशमी पर हिंसा फैलाने और लोगों को भड़काने का आरोप है. इससे पहले उसका नाम CAA-NRC के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में भी सामने आया था. हयात जफर हाशमी मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन का संचालक है. उसका नाम कानपुर में हुए दंगे में पहले भी आया था. CAA-NRC के विरोध में हुए प्रदर्शन में भी हयात जफर हाशमी की भूमिका जांच के दायरे में थी. इस मामले में कानपुर के कर्नलगंज थाने में हयात जफर हाशमी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी.
बताया जा रहा है कि उस वक्त भी जफर हाशमी ने फेसबुक के जरिए ही लोगों को विरोध करने के लिए इकट्ठा होने को कहा था. फेसबुक लाइव से लेकर पोस्टर लगाकर लोगों को प्रदर्शन के लिए एकजुट करने का उसका पुराना पैटर्न है. CAA-NRC हिंसा के दौरान भी हाशमी ने यही पैटर्न अपना कर लोगों को इकट्ठा किया था. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
11 जून को हाशमी के करीबी के घर चला था बुलडोजर
कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात के करीबी के खिलाफ शनिवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की. नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलकार स्वरूप नगर मोहम्मद इश्तियाक की अवैध इमारत पर बुलडोजर चला दिया. नगर निगम के मुताबिक नक्शे से ज्यादा निर्माण होने के कारण बिल्डिंग को तोड़ दिया गया.
ये है पूरा मामला
कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने 3 जून को बंद बुलाया था. मुस्लिम संगठन नूपुर शर्मा के कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान का विरोध कर रहे थे. इस दौरान हिंसा फैल गई थी. हिंसा की शुरुआत यतीमखाना इलाके की मुख्य सड़क और बाजार से हुई. धर्म के नाम पर सामने आए दो गुटों के बीच पहले बहस हुई. इसके बाद टकराव हुआ और फिर पथराव होने लगे.
जब तक पुलिस मौके पर पहुंची तब तक सड़क पर हर तरफ पत्थर बिखरे पड़े थे, बाजार बंद हो चुके थे, कई गाड़ियां तोड़फोड़ी जा चुकी थीं. पुलिस ने दंगाइयों को खदेड़ना शुरू किया तो ये लोग अंदर की बस्ती और तंग गलियों में जा घुसे और वहीं से पुलिस को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिसवाले जख्मी हो गए. पथराव काफी देर तक जारी रहा. आसपास के थानों से भी पुलिस बुलानी पड़ी. इस दौरान दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस छोड़ने पड़े.
सभार -आज तक