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कानपुर। विकास प्राधिकरण द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत भूखण्डों के निर्माण कराये गये है और केडीए ने एक बार फिर अपने बनाये गये भूखण्डो को बेचने के प्रयास तेज कर दिये गये है। केडीए खरीदारों को हर प्रकार से लुभाने का प्रयास कर रहा है। बताया जाता है कि अब केडीए अपने बेंचे गये भूखण्डो पर आवंटियों को बसाने के लिए विशेष छूट भी दे रहा है। केडीए का मानना है कि यदि भूखण्डों पर लोग बसेगे तो खरीदारों की संख्या में बढोत्तरी होगी। दूसरी तरफ यह भूखण्ड शहरी आबादी से दूर होने के कारण खरीदारो का इस ओर कोई रूझाने नही दिखाई दे रहा है और इसी बात से केडीए के अधिकारी परेशान है। अधिकारी अब भूखण्डों को बेचने के लिए हर प्रयास कर रहें है। बताते चले कि कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत भूखण्डों का निर्माण कराया गया था। भूखण्डों के निर्माण के बाद केडीए के अधिकारियों ने सोंचा था कि शहरवासियों को इसका फायदा मिलेगा साथ ही केडीए को भी लाभ होगा लेकिन उनकी उम्मीदो पर पानी फिरता नजर आ रहा है। केडीए को भूखण्ड खरीदने के लिए खरीदार नही मिल रहे है। केडीए के अधिकारियों द्वारा खरीदारों को लुभाने के लिए विशेष छूट भी दी जा रही है। उनका मानना है कि यदि आवंटित किये गये भूखण्डों पर यदि लोग रहने लगे तो खरीदारों की संख्या में बढ जायेगी, लेकिन जनता का इस ओर रूझान कम दिखायी दे रहा है। शहरी आबादी से यह भूखण्ड दूर होने के कारण लोग इसे खरीदने में कम रूची दिखा रहें है। 5400 भूखण्ड ऐसे है जिन्हे बेचने का प्रयास केडीए कर रहा है और केडीए को खरीदार नही मिल रहे है। खरीदारों को आकर्षित करने के लिए केडीए भूखण्ड लेने वाले लोगो को छूट देकर बिना रजिस्ट्री के ही रहने का आॅफर दे रहा है। योजना के अनुसार 30 अप्रैल तक ईडब्लूएस के भूखण्ड लेने वालों को 25 फीसदी तथा एलआईजी में भूखण्ड लेने वाले किस्तो के जरिये 50 प्रतिशत राशि भी जमा कर चुके है। ऐसे लोगो को केडीए रहने का आॅफर दे रहा है बशर्ते कोई किस्त न बाउंस हुई हो। बताया जाता है कि ऐसे आवंटियों से एक हलफनामा लेकर उन्हे कब्जा दे दिया जायेगा साथ ही किस्तों में तय रकम समय से ही जमा करनी होगी। बताया जाता है कि मई के अंत तक शिविर लगाकर दस्तावेजों को जांचा जायेगा और हलफनामा लेकर आवंटियों को कब्जा दे दिया जायेगा।