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हाइलाइट्
- दो दिन के लिए अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
- चीन-भारत सीमा पर तैनात जवानों से मिलेंगे, सीमा पर दो साल से तनाव
- पैंगोंग झील पर दूसरा पुल बना रहा है चीन, रिपोर्ट्स के बीच शाह का दौरा
- पहला पुल अप्रैल में बना था, उसके बगल से ही चीन बना रहा दूसरा पुल
नई दिल्ली: लद्दाख सेक्टर में जारी तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन अरुणाचल प्रदेश में रहेंगे। वह दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को अरुणाचल रवाना हुए। शाह का यह दूसरा अरुणाचल दौरा है। शाह अपने अरुणाचल दौरे में चीन-भारत सीमा पर तैनात जवानों के साथ बातचीत भी करेंगे। 2020 में अरुणाचल के 34वें स्थापना दिवस पर शाह के जाने का चीन ने खूब विरोध किया था। इस बार शाह जा रहे हैं तो चीन फिर उकसा रहा है। पैंगोंग झील में चीन के दूसरा पुल बनाने की खबरें हैं। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि चीन जहां पुल बन रहा है, वह ‘ऑक्युपाइड एरिया’ है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ऐसे घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रहा है।
अमित शाह का अरुणाचल प्रदेश दौरा, बड़ी बातें
- अपने दो दिवसीय दौरे में शाह अरुणाचल प्रदेश में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। वह कई सरकारी कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे।
- अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के नमसाई में भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों से मुलाकात करेंगे।
- वह सुरक्षा और विकास समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। फिर सेना, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स, बीआरओ के साथ बातचीत होगी।
- केंद्रीय गृह मंत्री ऐसे वक्त में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाके में जा रहे हैं, जब पूर्वी लद्दाख में चीन साजिश रच रहा है। पैंगोंग झील पर उसके दूसरा पुल बनाने की खबरें हैं।
- चीन ने अप्रैल में एक पुल बनाया था। दूसरा पुल पहले वाले से सटा हुआ ही है, लेकिन उसकी तुलना में काफी बड़ा होगा। इससे भारी युद्धक वाहन जैसे टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां और हथियारबंद वाहन भी गुजर सकेंगे।
अरुणाचल में क्या-क्या करेंगे शाह
अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे में अमित शाह कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे। शाह आम लोगों से भी मिलेंगे। गृह मंत्री के तौर पर अरुणाचल प्रदेश का उनका यह दूसरा दौरा है। फरवरी 2020 में राज्य के 34वें स्थापना दिवस पर जब वह अरुणाचल गए थे तब चीन ने इसका कड़ा विरोध किया था। अपने दौरे के दौरान शाह लोहित जिले के वाक्रो में परशुराम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा की आधारशिला रखेंगे और करीब 40 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। शाह तिरप जिले के नरोत्तम नगर में रामकृष्ण मिशन स्कूल के स्वर्ण जंयती समारोह में शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि बाद में शाह नमसई जनरल ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और अहम परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।
Leaving for Arunachal Pradesh on a 2-day visit. Looking forward to attending various programs in this beautiful part of India. https://t.co/fIn91vttgQ
— Amit Shah (@AmitShah) May 21, 2022
पुल बनाने के पीछे चीन की मंशा क्या है?
चीन के दूसरे पुल के निर्माण को तीन हफ्ते पहले ही देखा गया है। जिस जगह चीन यह पुल बना रहा है, वह 1958 से चीन के कब्जे वाले इलाके में है। इसके लिए पहले से बनाए गए ढांचों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पुल के बनने से खुर्नाक से रुडोक तक की दूरी 40-50 किलोमीटर कम हो जाएगी। पहले पुल का इस्तेमाल चीन अपनी क्रेन को तैनात करने और कंस्ट्रक्शन से जुड़े सामान लाने के लिए कर रहा है। जब चीन पैंगोंग पर पहला पुल बना रहा था तो सूत्रों ने कहा था कि भारतीय सेना के अगस्त 2020 जैसे ऑपरेशन का मुकाबला करने के लिए चीन पुल बना रहा है। उस ऑपरेशन के तहत भारत ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी तट के रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था।
2020 से चीन-भारत के रिश्ते खराब
जून 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़पें हुई थी, जिसमें भारत और चीन, दोनों के ही सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी। इस घटना के बाद 15 से ज्यादा दौर की शांति वार्ता हो चुकी है। मगर, अभी तक दोनों के बीच सुलह नहीं हो सकी है। पैंगोंग त्सो झील का एक भाग तिब्बत और एक भाग लद्दाख में है।