कानपुर हिंसा में बड़ा खुलासा, PFI से जुड़े हैं ,मास्टरमाइंड जफर हयात के तार, हयात को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार पूछताछ जारी

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मास्टरमाइंड जफर हयात के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI ) से तार जुड़े होने के संकेत मिले। हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर को STF ने किया गिरफ्तार , IPS अजय पाल ने संभाली जांच की कमान

कानपुर के बेकनगंज में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर के गिरफ्तार होने की खबर है। हालांकि अभी इस मामले में कोई पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। इससे पहले 36 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी जांच के लिए लखनऊ से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा को भेजा गया है। शुक्रवार रात अजय पाल कानपुर पहुंच कर अफसरों के साथ बैठक की। इलाके का भ्रमण करके पूरे मामले को समझा। देर रात तक उनकी मॉनिटरिंग में ही आरोपियों के खिलाफ एक ऑपरेशन देर रात में ही शुरू कर दिया।

हिंसा मामले में अब तक 3 FIR दर्ज हो चुकी हैं। दो FIR पुलिस ने दर्ज की हैं। एक यतीमखाना के पास चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों ने दर्ज करवाई है। तनावपूर्ण स्थिति के बीच रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैग मार्च किया। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने बताया कि अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हमें अभी तक जो फोटो और वीडियो मिले हैं उसके जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। 45 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है।

लाइव न्यूज़

  • हिंसा के मास्टरमाइंड जफर हयात की बहन ने कहा कि मेरे भाई को फर्जी फंसाया गया है। वह निर्दोष है।
  • कानपुर उपद्रव मामले में PFI कनेक्शन, पुलिस प्रशासन के साथ खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
  • हिंसा वाली जगह के दो किलोमीटर दायरे में 1100 जवान सुरक्षा में तैनात हैं। इसके अलावा शहर में भी पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है।
  • कानपुर में हिंसा को देखते हुए पुराने लखनऊ में पुलिस ने किया पैदल मार्च। डीसीपी वेस्ट सोमेन वर्मा ने शांति बनाए रखने की अपील की।
  • भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने अपील की। कहा, हमारा नगर जाती-धर्म,राजनीति से परे है। साजिश के तहत माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हुई।

आइए एक-एक कर जानते हैं कि तीनों FIR में क्या है…

FIR नंबर-1 : थाना प्रभारी नवाब अहमद की तहरीर केस
हयात जफर हाशमी, एहितशाम कबाड़ी, जीशान, आकिब, निजाम कुरैशी, आदिल, इमरान कालिया, शहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ मंसूरी जांहर और आमिर जावेद, मुदस्सिर, मोहम्मद आजाद, जीशान एवेंजर, अब्दुल सकील, इरफान चड्‌डी, शेरा, सफी, अरफित आसिफ रैना का भाई, इसराईल, अकील खिचड़ी, अदनान, परवेज उर्फ चिक्कन, शादाब शोएब का भाई, इसरत अली, मो. राशिद, अलीशान, नासिर, आशिक अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, शाहिद, बिलाल, हाजी मो. नसिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

FIR नंबर- 2 : दरोगा मो. आसिफ रजा की तहरीर पर केस
मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी, आदिल, इमरान कालिया, सहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ अंसारी और आमिर जावेद, अब्दुल शकील, अर्फित आसिफ रैना का भाई, इसराइल, नासिर, आशिक अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, साहिद, बिलाल, हाजी मो. नासिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

FIR नंबर-3 : चंद्रेश्वर हाते में रहने वालों ने अज्ञात पर दर्ज कराया केस
चंद्रेश्वर हाते में रहने वाले घायल मुकेश की तहरीर पर बेकनगंज थाने की पुलिस ने भीड़ के खिलाफ मारपीट, बलवा, धार्मिक उन्माद फैलाने, हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें किसी को भी नामजद नहीं किया गया है।

हिंसा के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही
पुलिस का कहना है कि कानपुर हिंसा में कई नेता जांच के दायरे में हैं। नेताओं ने सियासी लाभ लेने की साजिश रची थी। घटना के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स कुछ नेताओं की पुलिस खंगाल रही है। बुलडोजर की कार्रवाई के खौफ से गिरफ्तार लोग हिंसा के पीछे की वजह कबूल दे रहे हैं। उधर, अन्य इलाकों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। युवाओं के जमावड़े वाली जगह पर कुछ बवाल हुआ तो इसके जिम्मेदार थानेदार होंगे।

हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, CM योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात हाई लेवल मीटिंग के बाद यह आदेश दिया है। 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

दंगे के दौरान यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। साथ में, PM नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ भी थे। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले शुरू हो गई थी।

कानपुर हिंसा का दूसरा दिन LIVE:हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर के अरेस्ट होने की खबर, IPS अजय पाल ने संभाली जांच की कमान
कानपुर16 मिनट पहलेलेखक: आदित्य द्विवेदी/दिलीप सिंह
कानपुर के बेकनगंज में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर के गिरफ्तार होने की खबर है। हालांकि अभी इस मामले में कोई पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। इससे पहले 36 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी जांच के लिए लखनऊ से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा को भेजा गया है। शुक्रवार रात अजय पाल कानपुर पहुंच कर अफसरों के साथ बैठक की। इलाके का भ्रमण करके पूरे मामले को समझा। देर रात तक उनकी मॉनिटरिंग में ही आरोपियों के खिलाफ एक ऑपरेशन देर रात में ही शुरू कर दिया।

हिंसा मामले में अब तक 3 FIR दर्ज हो चुकी हैं। दो FIR पुलिस ने दर्ज की हैं। एक यतीमखाना के पास चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों ने दर्ज करवाई है। तनावपूर्ण स्थिति के बीच रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैग मार्च किया। पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने बताया कि अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हमें अभी तक जो फोटो और वीडियो मिले हैं उसके जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। 45 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है।

LIVE अपडेट्स –

हिंसा के मास्टरमाइंड जफर हयात की बहन ने कहा कि मेरे भाई को फर्जी फंसाया गया है। वह निर्दोष है।
कानपुर उपद्रव मामले में PFI कनेक्शन, पुलिस प्रशासन के साथ खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
हिंसा वाली जगह के दो किलोमीटर दायरे में 1100 जवान सुरक्षा में तैनात हैं। इसके अलावा शहर में भी पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है।
कानपुर में हिंसा को देखते हुए पुराने लखनऊ में पुलिस ने किया पैदल मार्च। डीसीपी वेस्ट सोमेन वर्मा ने शांति बनाए रखने की अपील की।
भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने अपील की। कहा, हमारा नगर जाती-धर्म,राजनीति से परे है। साजिश के तहत माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हुई।
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा के साथ बैठक करते IPS अजय पाल शर्मा (दाएं)। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन के बारे में चर्चा की। –
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा के साथ बैठक करते IPS अजय पाल शर्मा (दाएं)। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन के बारे में चर्चा की।
आइए एक-एक कर जानते हैं कि तीनों FIR में क्या है…

FIR नंबर-1 : थाना प्रभारी नवाब अहमद की तहरीर केस
हयात जफर हाशमी, एहितशाम कबाड़ी, जीशान, आकिब, निजाम कुरैशी, आदिल, इमरान कालिया, शहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ मंसूरी जांहर और आमिर जावेद, मुदस्सिर, मोहम्मद आजाद, जीशान एवेंजर, अब्दुल सकील, इरफान चड्‌डी, शेरा, सफी, अरफित आसिफ रैना का भाई, इसराईल, अकील खिचड़ी, अदनान, परवेज उर्फ चिक्कन, शादाब शोएब का भाई, इसरत अली, मो. राशिद, अलीशान, नासिर, आशिक अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, शाहिद, बिलाल, हाजी मो. नसिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

FIR नंबर- 2 : दरोगा मो. आसिफ रजा की तहरीर पर केस
मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी, आदिल, इमरान कालिया, सहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ अंसारी और आमिर जावेद, अब्दुल शकील, अर्फित आसिफ रैना का भाई, इसराइल, नासिर, आशिक अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, साहिद, बिलाल, हाजी मो. नासिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

FIR नंबर-3 : चंद्रेश्वर हाते में रहने वालों ने अज्ञात पर दर्ज कराया केस
चंद्रेश्वर हाते में रहने वाले घायल मुकेश की तहरीर पर बेकनगंज थाने की पुलिस ने भीड़ के खिलाफ मारपीट, बलवा, धार्मिक उन्माद फैलाने, हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें किसी को भी नामजद नहीं किया गया है।

हिंसा के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही
पुलिस का कहना है कि कानपुर हिंसा में कई नेता जांच के दायरे में हैं। नेताओं ने सियासी लाभ लेने की साजिश रची थी। घटना के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स कुछ नेताओं की पुलिस खंगाल रही है। बुलडोजर की कार्रवाई के खौफ से गिरफ्तार लोग हिंसा के पीछे की वजह कबूल दे रहे हैं। उधर, अन्य इलाकों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। युवाओं के जमावड़े वाली जगह पर कुछ बवाल हुआ तो इसके जिम्मेदार थानेदार होंगे।

हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, CM योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात हाई लेवल मीटिंग के बाद यह आदेश दिया है। 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

दंगे के दौरान यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। साथ में, PM नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ भी थे। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले शुरू हो गई थी। पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार समझिए….

दुकानों को जबरन बंद कराने से भड़की हिंसा
नौ दिन पहले यानी 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट हो रही थी। इसमें भाजपा नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट के सवाल पर नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई।

27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए। 28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया।

29 मई को मुस्लिम इलाके के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दिया। 30 मई को हयात ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए।

2 जून को बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वो लोग पैगंबर मोहम्मद पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए।

दोपहर 3 बजे तक बाजार से शुरू हुई घटना अब बवाल की शक्ल ले चुकी थी। देखते ही देखते परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्‌ठा हो गए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।

संकरी गलियों में पुलिस बेबस नजर आई

कानपुर हिंसा का दूसरा दिन LIVE:मास्टरमाइंड हयात जफर के अरेस्ट होने का दावा, IPS अजय पाल ने संभाली जांच की कमान

कानपुर के बेकनगंज में हुई हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर के गिरफ्तार होने की खबर है। हालांकि अभी इस मामले में कोई पुलिस अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। पत्नी का दावा है कि जफर के सारे नंबर स्विच ऑफ हैं। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उधर, जफर हयात की बहन ने कहा कि मेरे भाई को फर्जी फंसाया गया है। वह निर्दोष है। जफर से पहले 36 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी जांच के लिए लखनऊ से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा को भेजा गया है।

शुक्रवार रात अजय पाल कानपुर पहुंच कर अफसरों के साथ बैठक की। इलाके का भ्रमण करके पूरे मामले को समझा। देर रात तक उनकी मॉनिटरिंग में ही आरोपियों के खिलाफ एक ऑपरेशन देर रात में ही शुरू कर दिया।हिंसा मामले में अब तक 3 FIR दर्ज हो चुकी हैं। दो FIR पुलिस ने दर्ज की हैं। एक यतीमखाना के पास चंदेश्वर हाते में रहने वाले लोगों ने दर्ज करवाई है।

खबर पर आगे बढ़ने से पहले इस पोल में हिस्सा ले सकते हैं।

LIVE अपडेट्स –

  • तनावपूर्ण स्थिति के बीच रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैग मार्च किया।
  • पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने बताया कि अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 45 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
  • कानपुर उपद्रव मामले में PFI कनेक्शन, पुलिस प्रशासन के साथ खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। फोटो और वीडियो के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
  • हिंसा वाली जगह के दो किलोमीटर दायरे में 1100 जवान सुरक्षा में तैनात हैं। इसके अलावा शहर में भी पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है।
  • कानपुर में हिंसा को देखते हुए पुराने लखनऊ में पुलिस ने किया पैदल मार्च। डीसीपी वेस्ट सोमेन वर्मा ने शांति बनाए रखने की अपील की।
  • भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने अपील की। कहा, हमारा नगर जाती-धर्म,राजनीति से परे है। साजिश के तहत माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हुई।
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा के साथ बैठक करते IPS अजय पाल शर्मा (दाएं)। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन के बारे में चर्चा की।

आइए एक-एक कर जानते हैं कि तीनों FIR में क्या है…

FIR नंबर-1 : थाना प्रभारी नवाब अहमद की तहरीर केस
हयात जफर हाशमी, एहितशाम कबाड़ी, जीशान, आकिब, निजाम कुरैशी, आदिल, इमरान कालिया, शहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ मंसूरी जांहर और आमिर जावेद, मुदस्सिर, मोहम्मद आजाद, जीशान एवेंजर, अब्दुल सकील, इरफान चड्‌डी, शेरा, सफी, अरफित आसिफ रैना का भाई, इसराईल, अकील खिचड़ी, अदनान, परवेज उर्फ चिक्कन, शादाब शोएब का भाई, इसरत अली, मो. राशिद, अलीशान, नासिर, आशिक अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, शाहिद, बिलाल, हाजी मो. नसिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

FIR नंबर- 2 : दरोगा मो. आसिफ रजा की तहरीर पर केस
मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन का राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी, आदिल, इमरान कालिया, सहरयान, जौहर फैंस एसोसिएशन का युसुफ अंसारी और आमिर जावेद, अब्दुल शकील, अर्फित आसिफ रैना का भाई, इसराइल, नासिर, आशिक अली, मो. आकिब, मो. साजिद, अनस, साहिद, बिलाल, हाजी मो. नासिर, हबीब, रहमान समेत सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

FIR नंबर-3 : चंद्रेश्वर हाते में रहने वालों ने अज्ञात पर दर्ज कराया केस
चंद्रेश्वर हाते में रहने वाले घायल मुकेश की तहरीर पर बेकनगंज थाने की पुलिस ने भीड़ के खिलाफ मारपीट, बलवा, धार्मिक उन्माद फैलाने, हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें किसी को भी नामजद नहीं किया गया है।

हिंसा के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही
पुलिस का कहना है कि कानपुर हिंसा में कई नेता जांच के दायरे में हैं। नेताओं ने सियासी लाभ लेने की साजिश रची थी। घटना के 24 घंटे पहले की कॉल डिटेल्स कुछ नेताओं की पुलिस खंगाल रही है। बुलडोजर की कार्रवाई के खौफ से गिरफ्तार लोग हिंसा के पीछे की वजह कबूल दे रहे हैं। उधर, अन्य इलाकों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। युवाओं के जमावड़े वाली जगह पर कुछ बवाल हुआ तो इसके जिम्मेदार थानेदार होंगे।

हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, CM योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात हाई लेवल मीटिंग के बाद यह आदेश दिया है। 3 जून को बेकनगंज इलाके के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1,000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को लूट लिया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

दंगे के दौरान यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। साथ में, PM नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ भी थे। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले शुरू हो गई थी। पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार समझिए….

दुकानों को जबरन बंद कराने से भड़की हिंसा
नौ दिन पहले यानी 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट हो रही थी। इसमें भाजपा नेता नूपुर शर्मा भी मौजूद थीं। डिबेट के सवाल पर नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई।

27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए। 28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया।

29 मई को मुस्लिम इलाके के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दिया। 30 मई को हयात ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए।

2 जून को बेकनगंज इलाके में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वो लोग पैगंबर मोहम्मद पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

बेकनगंज इलाके में हुई हिंसा की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया।

भीड़ में शामिल अराजकतत्वों ने चलाईं गोलियां, फिर बेकाबू हो गया माहौल
3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में असहज करने वाला सन्नाटा था। इलाके में ज्यादातर दुकानें मुस्लिम समुदाय के लोगों की थी। जो बंद रखी गई थीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने दुकानें खोली थीं।

दोपहर 1:45 बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। 2.30 बजे के करीब नमाज के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे।

डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा और एडिशनल सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने हिंसा वाली जगह सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पूरे इलाके का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए।

दोपहर 3 बजे तक बाजार से शुरू हुई घटना अब बवाल की शक्ल ले चुकी थी। देखते ही देखते परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्‌ठा हो गए। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।

संकरी गलियों में पुलिस बेबस नजर आई

ज्यादातर पत्थर फेंकने वालों ने अपने चेहरे ढंके हुए थे। CCTV और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुए फुटेज के आधार पर इनकी पहचान की जा रही है।

संकरी गलियों में लोग रुक-रुककर पथराव कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किए। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए करीब 12 थानों का फोर्स मौके पर भेजा गया।

करीब 5 घंटे तक चले उपद्रव के बाद स्थितियां काबू में आ गईं। पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया। इस पथराव में करीब 7 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कानपुर में हुई हिंसा के बाद देर रात CM ने गोरखपुर मंदिर से वर्चुअल बैठक की। इसके बाद बेकनगंज थाने में 1,040 उपद्रवियों के खिलाफ 2 FIR दर्ज की गईं। बवाल के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत 40 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं, जबकि करीब 1,000 बवालियों की पहचान की जानी बाकी है।

पुलिस ने देर रात तक ताबड़तोड़ दबिश देकर 15 और आरोपियों को हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। सभी आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

पुलिस खुफिया तंत्र पर मायावती का सवाल
मायावती ने हिंसा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है। मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के UP दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा और हिंसा भड़कना चिंताजनक और पुलिस खुफिया तंत्र की विफलता को दिखाता है। सरकार इस घटना की धर्म, जाति से ऊपर उठकर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”

 

अब वायरल वीडियो और CCTV फुटेजकानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने, बलवा, जानलेवा हमला करने, हिंसा फैलाने जैसी धाराओं में FIR दर्ज की गई है। उपद्रवियों की पहचान के लिए वायरल वीडियो और CCTV फुटेज की मदद ली जा रही है।

गैंगस्टर की कार्रवाई, संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर
कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि कानपुर हिंसा के एक-एक आरोपी को चिह्नित करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है। इसके साथ ही उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चलेगा। शासन को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी गई है।

हिंसा के बाद परेड चौराहा से लेकर मूलगंज चौराहा और पेंचबाग, नई सड़क, इफ्तखाराबाद, बकरमंडी समेत आसपास के इलाकों में 50 PRV बाइक रात भर गश्त करती रहीं।

 

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