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कानपुर पुलिस ने 3 जून को कानपुर हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके साथ हिंसा के मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 54 हो गई है. गौरतलब है कि शुक्रवार (3 जून) की नमाज के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी।
- पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के बाद फैली थी हिंसा
- लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार हुआ था मुख्य आरोपी
कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात के करीबी के खिलाफ शनिवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की. नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण विरोधी अभियान चलकार स्वरूप नगर मोहम्मद इश्तियाक की अवैध इमारत पर बुलडोजर चला दिया. नगर निगम के मुताबिक नक्शे से ज्यादा निर्माण होने के कारण बिल्डिंग को तोड़ दिया गया.
मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार किया था. आरोपी जावेद अहमद का एक यूट्यूब चैनल जो लखनऊ के हजरतगंज है. सभी आरोपी इसी चैनल के ऑफिस में छुपे हुए थे, जिसके बाद यहां से मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी के अलावा जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मो. सूफियान को गिरफ्तार किया गया था.
3 जून को बुलाया गया था बंद
कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने 3 जून को बंद बुलाया था. मुस्लिम संगठन नूपुर शर्मा के कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए बयान का विरोध कर रहे थे. इस दौरान हिंसा फैल गई थी. पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, पोस्टर में शामिल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ नाबालिग भी हैं.
कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की टीम को भले ही जफर हयात हाशमी के सीधे पीएफआई से कनेक्शन के तार ना मिले हों, लेकिन उसके करीबियों का पीएफआई से रिश्ता जरूर सामने आ चुका है. इसी कड़ी में कानपुर की बेकनगंज पुलिस ने मोहम्मद उमर, सैफुल्लाह और मोहम्मद नसीम को गिरफ्तार किया है.
147 इमारतों से हुई थी पत्थरबाजी
पुलिस ने जांच में दावा किया है कि 147 इमारतों से पत्थरबाजी की गई थी. बताया जा रहा है कि सीसीटीवी से पहचान होने के बाद इन इमारतों की वैधता की जांच की जाएगी. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं कानपुर शहर के काजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी मुस्लिमों पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगा चुके हैं.