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कानपुर हिंसा में फंडिंग करने वाले मुख्तार बाबा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिला प्रशासन ने खाद्य विभाग के साथ मिलकर बाबा बिरयानी के 7 रेस्टोरेंट को सील किया है। खाद्य विभाग की रिपोर्ट में बिरयानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताई गई है।
कानपुर हिंसा प्रायोजित थी, इसके सुबूत एसआईटी के हाथ लगे थे।आपको बतादे हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हासमी को बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा फंडिंग करता था। कानपुर हिंसा में भी उसने फंडिंग की थी। इसके साथ ही मुख्तार बाबा पर विवादित जमीनों और शत्रु संपत्तियों को खरीदने बेचने का आरोप है। मुख्तार बाबा ने कागजो में हेराफेरी कर जानकी देवी मंदिर पर कब्जा कर बाबा स्वीट्स हाउस खोला था।
बाबा बिरयानी के नाम से जूही, स्वरूप नगर, नवीन मार्केट, जाजमऊ, समेत शहर में 7 रेस्टोरेंट खुले थे। इन सभी रेस्टोरेंट के लाइसेंस अलग-अलग नाम से रजिस्टर्ड थे। खाद्य विभाग की टीम ने बीते 8 जून को बिरयानी के सैंपल लिए थे। बिरयानी के सैंपल आगरा लैब परीक्षण के लिए भेजा गया था। बीते 24 जून को आगरा लैब से आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह बिरयानी खाने योग्य नहीं है। किसी भी इंसान के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।