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कानपुर हिंसा के बाद जांच कर रही एटीएस के रडार पर 22 सफेदपोश हैं। अफसरों ने गहन छानबीन के बाद इनकी लिस्ट तैयार की है। इसमें बवाल में शामिल या पीछे से मदद करने वाले सफेदपोश फंसे हैं।
कानपुर हिंसा के बाद जांच कर रही एटीएस के रडार पर 22 सफेदपोश हैं। अफसरों ने गहन छानबीन के बाद इनकी लिस्ट तैयार की है। इसमें बवाल में शामिल या पीछे से मदद करने वाले सफेदपोश फंसे हैं। सूची में लखनऊ की एक महिला का भी नाम है। वहीं, जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के साथ गिरफ्तार किए गए उसके साथी जावेद के लखनऊ तक कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं।

एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा के नेतृत्व में टीम हिंसा की तह तक पहुंचने की कवायद कर रही है। एडीजी ने हिंसा के दूसरे दिन शहर आकर नई सड़क, बेकनगंज, चमनगंज, दादामियां चौराहा, पेंचबाग व फूलवाली गली में घूमकर टोह ली थी। आठ दिन से टीम हिंसा के मुख्य आरोपित हाशमी, उसके तीन साथियों के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य उपद्रवियों से मिले सुराग के हर पहलू की जांच कर रही है। इस कड़ी में 22 सफेदपोश के नाम सामने आए हैं। यह तथ्य सामने आया है कि प्रदेश स्तर पर हिंसा की साजिश में कुछ सफेदपोश भी शामिल थे। यह उन संगठनों को फंडिंग कर रहे थे जो माहौल बिगाड़ने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहते।
संपत्तियों का जुटाया जा रह ब्योरा
हयात के साथी जावेद की भूमिका पर एटीएस की टीम गहन जांच कर रही है। उसके लखनऊ के कई लोगों से संबंध पाए गए हैं। इसमें एक महिला भी है। यह महिलाओं को भ़ड़काने के लिए पूरा नेटवर्क तैयार किए थी। महिला के खिलाफ भी एटीएस सबूत जुटा रही है। हर सफेदपोश की संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। एटीएस की रिपोर्ट के आधार पर सफेदपोशों की आर्थिक रीढ़ तोड़ने को उनकी अवैध संपत्ति जब्त तक की जा सकती है। इसमें कई बिल्डर भी शामिल हैं