
कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जीएसटी देने की अर्जी शुक्रवार को एसीएमएम द्वितीय कोर्ट ने खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा चूंकि अभी विवेचना जारी है ऐसे में प्रार्थना पत्र स्वीकार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं ।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी और कन्नौज स्थित आवास और फर्म में महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) ने छापा मारा था । इस दौरान डीजीजीआइ को 196 करोड़ रुपये नकद मिले थे जिन्हें एसबीआइ माल रोड शाखा में जमा कराया गया था । इस मामले में डीजीजीआइ ने 26 दिसंबर 2021 को इत्र कारोबारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसी मामले में इत्र कारोबारी की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर 35.38 करोड़ रुपये मय ब्याज व मय जुर्माना जमा करने की बात कही गई थी।
डीजीजीआइ के विशेष अभियोजक अंबरीश टंडन ने तर्क रखा कि विवेचना अभी चल रही है। विवेचना के बाद ही उपयुक्त जीएसटी का आंकलन किया जा सकता है। आरोपित द्वारा जीएसटी धनराशि के बाबत कोई आंकलन नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इत्र कारोबारी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।