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कानपुर । ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए बुधवार को जूही नहरिया चौराहे से झकरकटी रोड पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए दो-दो मंजिला मकानों, दुकानों सहित सौ से ज्यादा निर्माणों पर आठ बुलडोजर चले। धर्मकांटा तोड़ते समय उसमें छिपीं महिलाओं, बच्चों सहित अन्य लोग जान बचाकर भागे।
अभियान का विरोध कर रहे चार युवकों को पुलिस पकड़कर थाने ले गई। कई विभागों की प्रवर्तन टीमें और फोर्स की मौजूदगी की वजह से अन्य लोग विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। दिनभर चली कार्रवाई के दौरान 7000 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) कॉरीडोर-1 के फेस-3 के तहत नरोना चौराहे से ट्रांसपोर्ट नगर तक भूमिगत मेट्रो ट्रैक और तीन भूमिगत मेट्रो स्टेशन का निर्माण करा रहा है।
ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो स्टेशन जूही नहरिया चौराहे के पास जिस स्थान पर बनना है, वहां दो-दो मंजिल तक 50 से ज्यादा पक्के मकानों, इनमें बनी दुकानों के अलावा टट्टर आदि लगाकर अवैध कब्जे किए गए थे। जूही नहरिया चौराहे से झकरकटी रोड के एक तरफ सिंचाई विभाग और दूसरी तरफ केडीए की जमीन है, जिन पर अवैध कब्जे थे।
मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि वहां भूमिगत मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए 7000 वर्ग मीटर जमीन चिह्नित है। आठ महीने पहले इस जमीन पर निशान लगाने के साथ ही उस पर बने मकानों, दुकानों सहित अन्य कब्जेदारों को अवैध कब्जे खाली करने के लिए नोटिस दिए गए थे, पर कब्जेदारों ने जगह खाली नहीं की थी। उसी समय से इन कब्जों को खाली कराने की प्रक्रिया चल रही थी।
इसी क्रम में सुबह यूपीएमआरसी, नगर निगम प्रवर्तन दस्ता, केडीए प्रवर्तन दस्ता, आरएएफ, पीएसी, एसीपी बाबूपुरवा के नेतृत्व में कई थानों का फोर्स बुलडोजरों सहित सुबह जूही नहरिया चौराहे पर पहुंचा। दस्ते ने वहां बने मकानों में रह रहे लोगों, दुकानदारों को सामान सहित हटने के लिए कहा। इसके बाद इस चौराहे से झकरकटी रोड के दोनों तरफ चार – चार बुलडोजर लगाकर ध्वस्तीकरण शुरू किया गया। बड़े पैमाने पर अवैध मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की।
नंबर गेम
7000 वर्गमीटर जमीन खाली कराई गई
100 से ज्यादा कब्जे ढहाए
नगर निगम प्रवर्तन दस्ते के प्रभारी कर्नल आलोक नारायण ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए 100 से ज्यादा पक्के, कच्चे निर्माण तोड़े गए। इनमें 50 से ज्यादा मकान, दुकानों इससे ज्यादा अस्थायी कब्जे शामिल थे। इन कब्जेदारों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है। छह घंटे चले अभियान के दौरान कुछ लोगों ने विरोध करना चाहा, लेकिन भारी पुलिस फोर्स के चलते कोई विरोध की हिम्मत नहीं जुटा सका।
मकानों को तोड़ने से पहले नगर निगम ने एनाउंसमेंट कर लोगों को मकान खाली करने की हिदायत दी। यह सुन कई परिवार गृहस्थी का जरूरी सामान लेकर सड़कों पर आ गए। मकानों को एक साथ तोड़ने की कार्रवाई में कई थानों का पुलिस फोर्स मौजूद रहा। अभियान में यूपीएमआरसी के डीजीएम आशुतोष, एसीपी बाबूपुरवा आलोक सिंह, नगर निगम जोन -3 के प्रभारी राधेश्याम पटेल, अधिशासी अभियंता पुनीत ओझा, केडीए जोन-4 के अवर अभियंता राजेश निरंजन, जूही थाना प्रभारी आदि मौजूद रहे।
ड्रोन से रखी गई नजर
एसीपी बाबूपुरवा आलोक सिंह ड्रोन से अभियान और वहां रहने वाले, आसपास भीड़ लगाए लोगों की गतिविधियों पर नजर रखते रहे।
अवैध कब्जेदार को तीन पुलिस प्रशस्त्रिपत्र
वहां मकान में रह रहे कब्जेदार मोहम्मद असफाक को पुलिस ने तीन बार प्रशस्त्रिपत्र दिए थे। मकान ढहने के बाद पीछे की तरफ बची दीवार पर तीनों प्रशस्त्रिपत्र नजर आए, जिन्हें बाद में पुलिस कर्मी थाने ले गए।
पकड़े गए युवकों को थाने से छोड़ा
अभियान के दौरान विरोध कर रहे जिन चार युवकों को पुलिस पकड़कर जूही थाने ले गई थी, उन्हें अभियान समाप्त होने के बाद चेतावनी देकर छोड़ा गया।