
कानपुर। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के मुकदमा वापसी को लेकर पेंच फंस गया है। दरअसल शासन ने मुकदमा वापसी को लेकर जो रिपोर्ट मांगी थी वह अभियोजन ने भेज तो दी, लेकिन यह भी साफ कर दिया के गवाह आए तो सजा की भी संभावना है। ऐसे में 18 बिंदुओं पर शासन को भेजी गई यह रिपोर्ट मंत्री के पक्ष में नहीं है। मंत्री राकेश पर विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट में चार मुकदमे विचाराधीन हैं, जिसमें एक मुकदमा सजा के बाद अपील पर चल रहा है।
भाजपा सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को बीते दिनों अवैध असलहा मामले में अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय की कोर्ट से एक वर्ष कैद और 1500 रुपये जुर्माने की सजा हुई थी। इसके बाद यह मामला विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। नौबस्ता पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था। इसी तरह ग्वालटोली थाना पुलिस ने छात्र राजनीति के दौरान दो मुकदमे दर्ज किए थे, जबकि कोतवाली पुलिस ने वर्ष 2007 में नामांकन के दौरान असलहा रखने का मुकदमा दर्ज किया था।
इन मामलों में शासन ने मुकदमा वापसी की संभावनाओं को देखते हुए अभियोजन अधिकारियों से 18 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। अभियोजन की ओर से सभी मुकदमों में रिपोर्ट लगाकर भेज दी गई है, जिसमें मुकदमों की जानकारी के साथ यह भी कहा गया है कि यदि गवाह आए तो सजा की भी संभावना है। नौबस्ता के मामले में हुई सजा की जानकारी भी रिपोर्ट में दी गई है। बहरहाल अब इस मामले में शासन को निर्णय लेना है।