
नई दिल्ली। देश के करीब 12 करोड़ किसानों को केंद्र सरकार की ओर से दीवाली का तोहफा मिल गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों के खाते में इसकी 12वीं किस्त भेज दी गई है। इस योजना के तहत इस बार 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 2 हजार रुपये डीबीटी माध्यम से ट्रांसफर किए गए। आपके खाते में 12वीं किस्त पहुंची या नहीं इसके लिए अपना बैंक अकाउंट स्टेटमेंट जरूर चेक करें।
यूपी के 2.60 करोड़ किसानों के खाते में आज दो-दो हजार रुपए आएंगे। पीएम मोदी नई दिल्ली के पूसा रोड स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सभागार में कम्प्यूटर का बटन दबा कर पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त की धनराशि जारी की।
साल में 6 हजार रुपये एक किसान को दिये जाते हैं
खबर के मुताबिक इस आयोजन में देश के 12 करोड़ किसानों के खाते में कुल 16,000 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है। इस आयोजन को देखने के लिए देश भर के 13,500 से ज्यादा किसान और लगभग 1500 कृषि स्टार्टअप इकट्ठा हो रहे हैं। पीएम ने देश भर में 600 पीएम कृषि समृद्धि केंद्रों का उद्घाटन भी किया है। देश में सभी खुदरा यूरिया केंद्रों को पीएम कृषि समृद्धि केंद्रों के तौर पर विकसित किया जा रहा है। योजना के तहत एक किसान को पांच सौ रुपये प्रति माह के हिसाब से निधि की राशि दी जाती है। चार महीने की राशि एक साथ यानि दो हजार रुपये एक किसान को मिलते हैं। साल में 6 हजार रुपये एक किसान को दिये जाते हैं।
अपात्र पाये गये किसानों को लिस्ट से हटाया गया
पीएम किसान सम्मान निधि से उत्तर प्रदेश के करीब 2 करोड़ 60 लाख किसान लाभान्वित होंगे। पिछले दिनों केन्द्र के निर्देश पर किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों के आधार और भूलेख का सत्यापन करवाया गया, जिसमें काफी बड़ी संख्या में किसान सम्मान निधि पाने वाले किसान अपात्र पाये गये और उन्हें लिस्ट से हटाया गया। सात सितम्बर तक हुई जांच में करीब 21 लाख अपात्र किसान सूची से हटाये गये थे। इसके बाद करीब चार लाख किसान और हटाए गए। इनमें ऐसे भी किसान शामिल थे, जो आयकरदाता थे। ऐसे भी मामले पकड़ में आए जिनमें पति और पत्नी दोनों सम्मान निधि का लाभ उठा रहे थे।
11वीं किस्त में जारी हुए थे 21,000 करोड़ रुपये
पीएम मोदी ने मई में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त जारी की थी। इस किस्त के के रूप में देश के किसानों के लिए कुल 21,000 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।