
फर्रुखाबाद। कासगंज में हादसे में 10 लोगों की मौत से कायमगंज के गांव चिलौली में मातमी सन्नाटा बुधवार की सुबह करुण क्रंदन से उस समय टूटा जब एक साथ आठ अर्थियां उठीं। आठ शवों को अलग अलग अर्थी लेकर स्वजन जिस गली से गुजरे, वहां सिसकियों की गूंज सुनाई देती रही। गांव में प्रशासनिक और पुलिस के अफसरों के साथ फोर्स भी मौजूद रहा। सभी शवों को अंतिम संस्कार के लिए गंगा किनारे ढाई घाट पर ले जाया गया।
हादसे में हुई दस लोगों की मौत : कायमगंज के चिलौली गांव से कुछ परिवारों के लोग भाड़े पर ऑटो करके कासगंज के पटियाली में भोले बाबा के सत्संग सुनने के लिए निकले थे। चालक सहित पांच सीटर वाले ऑटो में 11 लोग सवार थे। कासगंज में मैनपुरी-बदायूं हाईवे पर बोलेरो की टक्कर से आटो में सवार सात लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि तीन ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। देर रात करीब 11.30 बजे हादसे का शिकार मीना उर्फ नैना, नीरज, सुनीता, कुसमा, रूपवती उर्फ रूपरानी, आरोही व गोपी के शव चिलौली गांव पहुंचे तो स्वजन के करुण क्रंदन से मातमी सन्नाटा टूट गया। गांव में एसडीएम गौरव शुक्ला, क्षेत्राधिकारी सोहराब आलम पहले से मौजूद थे। रात के दो बजे मंजू शर्मा का शव देर रात गांव लाया गया।
सुबह सिसकने लगी गांव गलियां : रात में जब शव पहुंचे तो पूरे गांव में कोई आवाज सुनाई दे रही थी तो पीड़ित स्वजन के करुण क्रंदन की थी। उनकी सिसकियां मातमी सन्नाटे को तोड़ रही थीं। मोहल्ले के ही देवेंद्र दुबे और ओमकारेश्वर पाठक शवों को सुरक्षित रखने के लिए बर्फ आदि ला रहे थे और आंखों में आसू थे। देवेंद्र दुबे ने आसूं पोछते हुए कहा कि मेरा तो पूरा मोहल्ला उजड़ गया। बुधवार सुबह गांव वालों और मृतकों के स्वजन के करुण क्रंदन से कोहराम मच गया। सुबह एक साथ गांव से आठ शव अंतिम संस्कार के लिए जाने पर हर गली में सिसकन सुनाई देती रही। सभी शवों काे अंतिम संस्कार के लिए गंगा के ढाई घाट पर ले जाया गया। गांव कुंवरपुर इमलाक निवासी आटो चालक सरनाम का शव कंपिल के अटैना घाट ले जाया गया।