
रूस ने 61 अमेरिकी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया है। इसका एलान रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का जवाब है। इस लिस्ट में अमेरिकी अधिकारियों और बड़ी अमेरिकी कंपनियों के पूर्व व टाप मैनेजरों के नाम शामिल हैं। इनमें ट्रेजरी सेक्रेटरी जैनेट येलेन,एनर्जी सेक्रेटरी जेनिफर ग्रानहोम, व्हाइट हाउस के कम्युनिकेशन डायरेक्टर केट बेडिंगफील्ड और नेटफ्लिक्स के सीइओ रीड हैस्टिंग्स के नाम भी हैं।
रूस ने दी थी अमेरिका को चेतावनी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विश्वासपात्रों में से पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि, ‘भगवान न करे, लेकिन अगर इन हथियारों का इस्तेमाल रूसी क्षेत्रों के खिलाफ किया जाता है तो हमारी सेना के पास इस युद्ध में निर्णय लेने वाले केंद्रों पर हमला करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।’ अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने अमेरिका को लेकर ये बात कही है। उन्होंने कहा, ‘बेशक इस बात को समझना चाहिए। क्योंकि दुर्भाग्य से इस मामले में अंतिम निर्णय लेने वाला केंद्र यूक्रेन में नहीं है।’ इसके अलावा उन्होंने नाटो पर प्राक्सी वार का भी आरोप लगाया।
दुनिया की दो बड़ी परमाणु शक्तियों के बीच वार्ता जारी रखने पर जोर देते हुए अमेरिका ने रूस (Russia) से उसके दूतावास को बंद करने से मना किया है। मास्को में अमेरिकी दूतावास की ओर से बयान जारी कर बताया गया यूक्रेन के साथ जंग के कारण खराब हालातों के बाद भी रूस को अपने अमेरिकी दूतावास को बंद नहीं करना चाहिए।
अमेरिका ने इसी सप्ताह यूक्रेन को M142 हाई-मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्टम देने की घोषणा की थी। ये आर्टिलरी सिस्टम यूक्रेन सेना की आर्टिलरी रेंज को दोगुना कर देगा। आस-पास के 80 किलोमीटर के क्षेत्र तक इससे हमला किया जा सकता है। हालांकि यूक्रेन ने लान्ग रेंज राकेट सिस्टम अमेरिका से मांगे थे, लेकिन उसकी ये मांग स्वीकार नहीं की गई।