
Network Today
समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाई कोर्ट ने फर्जी आधार कार्ड केस में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं, कानपुर देहात कांड के बाद संपत्ति जब्त किए जाने को लेकर जांच एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं।
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर विवादित प्लाट पर बनी झोपड़ी में आग लगाने, फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने, बांग्लादेशी नागरिक को प्रमाण पत्र देने, रंगदारी मांगने, मोरंग कारोबारी की 400 गज जमीन पर कब्जा करने, पुलिस से अभद्रता करने समेत गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है। पिछले दो महीनों में इरफान सोलंकी पर 6 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही इरफान पर मुकदमों संख्या बढ़कर 17 हो गई है। पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्रवाई में विधायक इरफान सोलंकी, भाई रिजवान सोलंकी, विधायक के गुर्गे हिस्ट्रीशीटर इजराइल आटे वाला, शौकत अली, मोहम्मद शरीफ को आरोपी बनाया था। इरफान को इस गैंग का लीडर बनाया था।
केस में इन्हे मिल चुकी है जमानत
वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने कोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि आधार कार्ड एक्ट के तहत एक प्रपत्र है, कोई मूल्यवान संपत्ति नहीं। ऐसे में मूल्यवान संपत्ति की कूटरचना की अपराध बनता ही नहीं है। इरफान को झूठा फंसाने की भी बात कही। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने इरफान की जमानत याचिका खारिज कर दी। वहीं इस मामले में इरफान के दोनों साले अख्तर लियाकत, अनवर लियाकत मंसूरी और सपा नेत्री नूरी शौकत, अशरफ अली, इशरत अली और नूरी के ड्राइवर अम्मार इलाही को जमानत मिल चुकी है।