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सपा से छिन गई नेता विपक्ष की कुर्सी……

आजादी के बाद पहला मौका है जब कोई भी नहीं बनेगा नेता प्रतिपक्ष

 

 

 

 

 

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सपा से छिन गई नेता विपक्ष की कुर्सी….

आजादी के बाद पहला मौका है जब कोई भी नहीं बनेगा नेता प्रतिपक्ष,72 सीटों के साथ भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी।

लखनऊ. समाजवादी पार्टी को विधान परिषद में बड़ा झटका लगा हैं. सपा से उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छीन ली गई है.

 

विधान परिषद में SP से छिनी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी, सिर्फ 41 दिन पद पर रह पाए लाल बिहारी यादव

विधान परिषद में SP से छिनी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी, सिर्फ 41 दिन पद पर रह पाए लाल बिहारी यादव

विधान परिषद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने गुरुवार को लाल बिहारी यादव (Lal Bihari Yadav) को दी गई नेता प्रतिपक्ष की मान्यता खत्म कर दी. अब लाल बिहारी केवल सपा दल के नेता के तौर पर सदन में रहेंगे. बता दें कि बुधवार को सदन में 10 लोगों का कार्यकाल समाप्त हो गया. कार्यकाल समाप्त होने और नए निर्वाचित सदस्यों के आने के बाद अब सदन में समाजवादी पार्टी के विधायकों की संख्या 9 रह गई है.

नेता प्रतिपक्ष के लिए कितनी संख्या होनी चाहिए-

नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए चाहिए कम से कम 10 सदस्य चाहिए जबकि सपा के पास महज हैं 9 सदस्य।
सभापति ने बृहस्पतिवार को नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव की नेता प्रतिपक्ष की मान्यता कर दी समाप्त। 

2022 विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद यूपी में दो बड़ा रिकॉर्ड हुआ कायम।

पहला नेता प्रतिपक्ष का पद खत्म हो गया और दूसरा विधान परिषद से कांग्रेस मुक्त हो गई।

कांग्रेस की सदस्यता सदन में होगयी शून्य
दीपक सिंह का कार्यकाल बुधवार को समाप्त होने के बाद गुरुवार से उच्च सदन में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व समाप्त हो गया। यह पहली बार है कि उच्च सदन में कांग्रेस का एक भी प्रतिनिधि नहीं होगा। फिलहाल कांग्रेस के पास केवल दो ही विधायक हैं।

यूपी विधान परिषद की दलीय स्थिति –

बीजेपी – 72,
सपा – 9,
अपना दल एस – 1,
शिक्षक दल गैर राजनीतिक – 2,
निर्दलीय – 2,
जनसत्ता दल – 1,
निषाद पार्टी – 1,
निर्दलीय समूह – 2,
बसपा – 1 

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