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दिल्ली. श्रद्धा हत्याकांड मामले के आरोपी आफताब को दिल्ली के तिहाड़ जेल से नार्को टेस्ट के लिए रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल में लाया गया गुरुवार को नार्को टेस्ट किया गया. इससे पहले पांच बार रोहिणी के एफएसएल ऑफिस में आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया जा चुका है. इस दौरान आफताब पर हमले की आशंका के चलते भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. आफताब का तकरीबन दो घंटे तक नार्को टेस्ट हुआ, जो अब पूरा हो चुका है.
दो घंटे तक चला नार्को टेस्ट श्रद्धा हत्याकांड के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. श्रद्धा हत्या मामले से जुड़े कई अहम सवाल नार्को टेस्ट में पूछे गए. इससे कड़ी दर कड़ी पूरे वारदात का खुलासा किया जा सकेगा. नार्को टेस्ट पूरा होने के बाद तकरीबन दो घंटे तक आफताब को ऑब्जर्वेशन में रखने की जानकारी है. हमले की आशंकाओं के बीच सुरक्षित तरीके से नार्को टेस्ट कराया गया.
आफताब का नार्को टेस्ट पूरा होने के बाद उसे तकरीबन 2 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा क्योंकि नार्को टेस्ट के लिए कई तरीके की दवाई और इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिसमें आरोपी को किसी तरीके की दिक्कत न हो. इसलिए हॉस्पिटल के अंदर ही उसको दो घंटे ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद वापस पूरी सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल ले जाया जाएगा. कुछ समय बाद यह साफ हो पाएगा कि नार्को टेस्ट में जो सवाल पूछे गए थे, वह क्या थे और उसने किस तरीके से जवाब दिए हैं.
नार्को टेस्ट एक तरह का एनेस्थीसिया होता है, जिसमें आरोपी न पूरी तरह होश में होता है और न ही बेहोश होता है. नार्को टेस्ट का प्रयोग तभी किया जा सकता है जब उस आरोपी को इस बारे में पता हो और उसने इसके लिए हामी भरी हो. यह टेस्ट तभी करवाया जाता है जब आरोपी सच्चाई नहीं बता रहा हो या बताने में असमर्थ हो. इस टेस्ट की मदद से आरोपी के मन से सच्चाई निकलवाने का काम किया जाता है. यह भी हो सकता है कि व्यक्ति नार्को टेस्ट के दौरान भी सच न बोले. इस टेस्ट में व्यक्ति को ट्रुथ सीरम इंजेक्शन (Truth serum Injection) दिया जाता है. वैज्ञानिक तौर पर इस टेस्ट के लिए सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम अमाइटल जैसी दवाएं दी जाती हैं.