
कानपुर। तीसरे चरण के चुनाव में आज भाजपा के शीर्ष नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने रोड शो किया। कानपुर के सीसामऊ विधानसभा के बजरिया चौराहे से शुरू हुआ रोड शो, लेनिन पार्क से जरीब चौकी होते हुए घंटाघर तक गया। आर्यनगर विधानसभा में डोर टू डोर कैंपेन में परिवर्तित हुआ। यह पहला मौका है जब विधानसभा चुनाव में भाजपा का कोई शीर्ष नेता रोड शो और डोर टू डोर कैंपेन करने पहुचे है।
उसकी खास वजह भी है। कानपुर बुंदेलखंड की 52 विधानसभा सीटों में भाजपा 47 सीटों पर काबिज है। अपने इस मजबूत किले में भाजपा किसी भी तरह से सेंधमारी नहीं होने देना चाह रही है। भाजपा तीसरे चरण में पूरी ताकत झोंक रही है, क्योंकि उसको इस क्षेत्र से बहुत कुछ उम्मीदें हैं।
शाह का रोड शो लेनिन पार्क से जरीब चौकी होते हुए घंटाघर तक गया।
पार्टी की कोशिश है कि यदि हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण हो जाता है, तो आसानी से दोनों सीटें निकाली जा सकती हैं। इसीलिए भाजपा के कट्टर नेता अमित शाह के साथ कई छोटे नेताओं को भी लगाए जा चुका है। उमा भारती की भी सोमवार को इसी क्रम में अपनी नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं थीं।
कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है भाजपा
भाजपा के थिंक टैंक अपनी तैयार गणित के हिसाब से हर सीट पर पूरी कवायद पर जुड़ा हुआ है। पार्टी किसी भी सीट पर किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती है। जीत के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र की बात करें, तो पिछले एक महीने में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो या फिर प्रधानमंत्री, राजनाथ सिंह हो या फिर अमित शाह, सभी ने लगभग हर जिले में अपने चुनावी कार्यक्रम आयोजित किए हैं। हारी हुई कमजोर सीटों पर पार्टी खासतौर से हर जतन कर रही है।
भाजपा का दो विधानसभाओं में खास सीसामऊ विधानसभा के बजरिया चौराहे से शुरू हुआ रोड शो।
2012 के चुनाव में भाजपा के हाथ से आर्यनगर विधानसभा चली गई थी। यहां मुस्लिम वोट एकतरफा सपा और कांग्रेस गठबंधन से लड़े प्रत्याशी अमिताभ बाजपेई को मिले थे। बात यदि सीसामऊ विधानसभा की करे तो यहां पर सपा का पिछले पांच चुनाव से कब्जा है। भाजपा इन दोनों ही विधानसभा में पिछले एक साल से कड़ी मशक्कत कर रही है।
2012 के चुनाव में भाजपा के हाथ से आर्यनगर विधानसभा चली गई थी। यहां मुस्लिम वोट एकतरफा सपा और कांग्रेस गठबंधन से लड़े प्रत्याशी अमिताभ बाजपेई को मिले थे। बात यदि सीसामऊ विधानसभा की करे तो यहां पर सपा का पिछले पांच चुनाव से कब्जा है। भाजपा इन दोनों ही विधानसभा में पिछले एक साल से कड़ी मशक्कत कर रही है।