
कानपुर। सेंट्रल बैंक इंडिया की कराचीखाना के बैंक लाकर से जेवरात चोरी होने की घटनाओं के सामने आने के बाद अब बैंक आफ इंडिया की फूलबाग शाखा में लाकर से जेवर चोरी होने का मामला सामने आया है। यहां एक अधिवक्ता के लाकर को खोलकर करीब 45 लाख रुपये के जेवर चोरी कर लिए गए। इस नए मामले के सामने आने के बाद पुलिस आयुक्त विजय ङ्क्षसह मीना, संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी और डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने दोनों बैंकों का निरीक्षण किया। पीडि़तों से बातचीत की और बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की। पुलिस के लिए अब बैंक लाकर से जेवर होने की घटनाएं एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।
सेंट्रल बैंक की कराची खाना से 14 मार्च से 6 अप्रैल तक नौ बैंक लाकर तोड़कर शातिरों ने करीब सवा तीन करोड़ के जेवरात पार दिए हैं। गुरुवार को सेंट्रल बैंक में लाकर चेक करने वालों में किसी के भी जेवर चोरी होना सामने नहीं आया। इस पर बैंक प्रबंधन और पुलिस ने राहत की सांस ली। लेकिन दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे खबर मिली कि बैंक आफ इंडिया की फूलबाग शाखा में स्थित एक बैंक लाकर से जेवर चोरी हो गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त और डीसीपी पूर्वी बैंक आफ इंडिया पहुंचे।
डीसीपी ने बताया कि बैंक आफ इंडिया के पीडि़त लाकर धारक का नाम देवी गोस्वामी है। वह वरिष्ठ अधिवक्ता गोपी गोस्वामी की पत्नी हैं और बिहारी लाल स्टेट स्थित अनुष्का रानी विला की रहने वाली हैं। वह गुरुवार की दोपहर बाद अपनी बहू के साथ वर्तमान समय में चल रहे घटनाक्रम को देखते हुए अपना लाकर देखने आई थीं। जब बैंक अधिकारी मास्टर चाबी के साथ उन्हें लेकर लाकर रूम पहुंचा और लाकर में चाबी लगानी चाही तो यह देखकर सभी दंग रह गए कि लाकर तो पहले से ही खुला था। पुलिस को दी गई तहरीर में देवी गोस्वामी ने लाकर में 40 से 45 लाख रुपये के हीरे, सोने के जेवरात रखे होने का दावा किया है।
निरीक्षण में पांच और लाकर खुले मिले
इस घटना के सामने आने के बाद पीडि़त देवी गोस्वामी ने डायल 112 पर फोन करके पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस बैंक पहुंची और बाद में अधिकारी आए। लाकर रूम का निरीक्षण हुआ तो मौके पर पांच और लाकर खुले मिले। हालांकि बैंक प्रबंधन का कहना है कि जो पांच लाकर अन्य खुले मिले हैं, वह आवंटित नहीं हैं।
यहां भी दो साल बाद खोलने पहुंचे थे लाकर
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में जहां लाकर से छेड़छाड़ करके जेवरात निकाले गए, वहीं बैंक आफ इंडिया में बाकायदा ताला खोला गया। हालांकि दोनों स्थानों पर एक बात समान है कि बीओआइ में भी दो साल बाद लाकर धारक लाकर खोलने पहुंचा था। यानी लंबे समय से बंद पड़े लाकर ही निशाना बन रहे हैं।
लाकर इंचार्ज को घर से बुलवाकर खुलवाया लाकर
बैंक इंडिया में जब यह घटना सामने आई, उसके बाद पांच बजते ही लाकर इंचार्ज मास्टर चाबी लेकर घर चली गई। जब पुलिस बैंक पहुंची तो लाकर इंचार्ज को घर से बुलवाकर दोबारा लाकर खुलवाकर देखा गया। हालांकि जब पांच और लाकर खुले मिले तो संशय और बढ़ गया।