
सांकेतिक फोटो
नई दिल्ली, आपका स्मार्टफोन बिना सिम कार्ड लगाए चलेगा। साथ ही आपको मोबाइल ऑपरेटर बदलने पर नई सिम लेने की भी जरूरत नहीं होगी। यानी अगर आप मोबाइल पोर्टेबिलिटी के जरिए अपना नंबर किसी दूसरी टेलीकॉम कंपनी में ट्रांसफर करवाते हैं, तो आपको सिम नहीं बदलनी होगी। आसान भाषा में समझें, तो यह फिजिकल सिम कार्ड नहीं होगा, बल्कि सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइल फोन या डिवाइस बोर्ड में लगाया जाएगा। यानी इसके लिए चिप होल्ड करने वाले कार्ड की जरूरत नहीं होगी।जब ग्राहक सर्विस बदलेगा, तो नई कंपनी उसी सिम को अपडेट कर देगी।
दरअसल, सरकार ने देश में ई-सिम के इस्तेमाल की मंजूरी दी है, जिसके लिए दूरसंचार विभाग ने गाइडलाइंस जारी कर दी है। ई-सिम को मोबाइल डिवाइस में लगाकर टेलीकॉम ऑपरेटर की जानकारी अपडेट की जा सकेगी। इसके अलावा प्रति उपभोक्ता सिम कनेक्शन की अधिकतम सीमा 9 से बढ़ाकर 18 कर दी गई है। इनमें से 9 सिम का इस्तेमाल सामान्य मोबाइल फोन सेवाओं के लिए, जबकि बाकी का मशीन-टू-मशीन कम्यूनिकेशन जैसे डोंगल या स्मार्टवॉच में किया जा सकेगा। यूजर्स किसी भी सर्विस प्रोवाइडर टेलीकॉम कंपनी से नया कनेक्शन लेगा, तो उसके स्मार्टफोन में इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी ई-सिम डाल दिया जाएगा।
ई-सिम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की जानकारी टेलीकॉम कंपनियां अपने डाटाबेस में दर्ज कर लेंगी। इससे देश के 115 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को फायदा होगा। सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सुविधाएं दे सकती हैं। देश में अभी रिलायंस जियो और एयरटेल ई-सिम की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एप्पल वॉच में करती हैं। दोनों ने पांच दिन पहले ही इनकी बिक्री शुरू की है। 2016 में लॉन्च इस तकनीक को सबसे पहले सैमसंग ने स्मार्टवॉच गियर-2 में इस्तेमाल किया था।
तुरंत पोर्ट कर सकेंगे ऑपरेटर, बैटरी लाइफ भी बढ़ जाएगी- ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है। यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जा रहा है, लेकिन अब स्मार्टफोन पर भी चलेगी। इससे यूजर्स सिर्फ सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं ले सकेंगे। एक ऑपरेटर से दूसरे में स्विच करने में भी आसानी होगी। ई-सिम को पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। इसे तुरंत पोर्ट करवा सकेंगे। फोन की बैटरी लाइफ भी बढ़ जाएगी, क्योंकि खपत कम होगी। सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी, जिससे फोन में अतिरिक्त जगह भी बन जाएगी।