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कानपुर । सीएसए में आई आई टी ने ‘वे टू प्रसीजन एग्रीकल्चर ‘ के कार्यक्रम में कृषि विभाग संग मिलकर किया ड्रोन का किया सजीव प्रदर्शन
मुख्य अतिथि मंडलायुक्त डॉक्टर राज शेखर और विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने हरी झंडी दिखा कर ड्रोन को रवाना किया ।सीएसए परिसर में फसलों पर छिडकाव के लिए ड्रोन की नई तकनीक पर बताया गया की अब आप ड्रोन के माध्यम से 8 घंटे में 30 हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि रक्षा रसायनों और उर्वरको का छिड़काव करके कम समय कम लागत से अधिक क्षेत्र में अधिक आय की जा सकती है।
वही मुख्य अतिथि मंडलायुक्त डॉक्टर राज शेखर और विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने हरी झंडी दिखा कर ड्रोन को रवाना किया।
मंडलायुक्त डॉक्टर राज शेखर ने बताया कि क्रषि के क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से ड्रोन के प्रयोग से प्रधानमंत्री के सपनों को साकार किया जाएगा। वही आई टी आई के विशेषज्ञों ने उनकी बैटरी की क्षमता बढ़ाने सर्विस सेंटर बनाने का सुझाव दिया है।
ड्रोन की नई तकनीक से कितनी दूरी तक कर सकेंगे काम
इस नई तकनीक से सब्जियों फॉलो और उद्यानिकी फसलों में 10 मीटर ऊंचाई तक फसलों में लगने वाले किट रोगों पर नियंत्रण किया जा सकेगा ।
यह जानकारी सीएसए के विद्यार्थी प्रयोग प्रक्षेत्र पर आई आई टी के के संयुक्त तत्वाधान में ‘वे टू प्रसीजन एग्रीकल्चर ‘ के तहत मंगलवार को ड्रोन के प्रयोग के सजीव प्रदर्शन के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी।
आपको बता दें क्रषि उत्पादन संगठनों और किसानों की उपस्थिति में ड्रोन से प्रक्षेत्र में नेनो यूरिया खाद का छिड़काव करके दिखाया गया आईआईटी के विशेषज्ञ सुब्रहमणियम ने बताया कि ड्रोन और उसके सहयोगी उपकरण सहित वर्तमान में कीमत 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है । आई आई टी आई आईटी स्टार्टअप कंपनियों की सहायता से ड्रोन का निर्माण कराया गया है।
एफपीओ को ड्रोन और उसके सहायक यंत्रो को खरीदने पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
कृषि उत्पादक संगठनों को इंदिरा गांधी ओरन अकादमी फुर्सत गंज रायबरेली या इसको रशीद प्रशिक्षण केंद्र से लाइसेंस बात करना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम में महेंद्र बहादुर सिंह, डीके सिंह, अरुण कुमार , और डॉ सीएल मौर्य, डॉ खलील खान , डॉ एके सिंह आदी मौजूद रहे।