
शादी-विवाह की शहनाइयां शनिवार की रात से थम जाएंगी। सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात की धूम नहीं दिखेगी। कैटरर, पंडित व बैंड-बाजे वाले भी महीनेभर आराम फरमाएंगे। शनिवार से मलमास शुरू हो रहा है। इस दौरान मांगलिक कार्य निषेध रहते हैं। 18 जून से फिर से शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। ज्योतिषी पीके युग के अनुसार मलमास आरंभ होने के चलते 12 मई से 17 जून तक शादी के मुहूर्त नहीं हैं। जुलाई में भी महज तीन ही लग्न हैं। बनारसी पंचांग के अनुसार 18 जून से 15 जुलाई के बीच आठ शुभ मुहूर्त हैं।
पूरे कुल का उद्धार करता है यह व्रत
ज्योर्तिवेद संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार 15 जुलाई तक 16 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। 15 जुलाई के बाद चातुर्मास शुरू हो जायेगा। इस दौरान चार मास विवाह और अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। नवंबर और दिसंबर में चार विवाह के मुहूर्त हैं। लड़के और लड़की की कुंडली को देखने के बाद ही इन शुभ मुहूर्तों में शादी करनी चाहिए। ज्योतिषी प्रियेंदू प्रियदर्शी के अनुसार मिथिला व बनारसी पंचांग में तो 12 मई के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं हैं पर एनसी लाहिड़ी पंचांग में 13 को भी शुभ मुहूर्त दिया गया है।