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AUGUST 28,2023, time12:43pm
हमारे देश में जहां शादी एक पवित्र बंधन माना जाता है, जिस बंधन में सात वचन देकर पति-पत्नी एक दूसरे का सम्मान और साथ देने का वचन देते है और एक दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते है। तो वहीं विश्व में एक ऐसा देश है जहां के बाजारों में नाबालिग लड़कियो खुलेआम बेचा जाता हैं।

आजतक आपने कई तरह के मार्केट देखे होंगे. सब्जी की मंडी अलग होती है. कुछ मार्केट कपड़ों के होते हैं. कुछ अनाज की मंडियां होती हैं. लेकिन क्या आपने कभी दुल्हन की मंडी देखी है? आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कहीं होता है? क्या आज के समय में कहीं महिलाओं को बेचना अलाउड भी है क्या? तो आपको बता दें कि हम मजाक नहीं कर रहे हैं.हम बात कर रहे है बुल्गारिया की यहा पर एक ऐसी जगह है, जहां ये बिलकुल लीगल है दुल्हन का बाजार. जी हां, दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां दुल्हन का बाजार सजता है. इस मार्केट में लोग घूम-घूमकर अपने लिए लड़की देखते हैं. जो लड़की मन को भाती है, उसे पैसों से खरीद कर घर ले जाते है
आपको बतादे की बुल्गारिया यूरोपीय संघ का हिस्सा है। 2007 में यह यूरोपीय संघ में शामिल हुआ था। जिस मार्किट का हम यहां पर जिक्र कर रहे हैं वह बुल्गारिया में बचकोवो मोनेस्ट्री के नजदीक लगती है।
जहां हर साल लड़कियों के बेचने के लिए चार बार बाजार सजता है। बुल्गारिया में शादी के लिए ये लड़कियां बेची जाती हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि यहां पर युवतियों को बेचने का काम मां-बाप ही खुशी-खुशी करते हैं।
हम बात कर रहे हैं बुल्गारिया में लगने वाली मंडी की, जहां दुल्हन बिकती है. बुल्गारिया के स्तारा जागोर नाम की जगह पर दुल्हन की ये मंडी लगती है. इस जगह पर मर्द अपने परिवार के साथ आता है और अपने लिए पसंद की लड़की चुनता है. जो लड़की लड़के को पसंद आती है, उसकी मोल-मोलाई की जाती है. लड़की के घरवाले जब दिए जा रहे दाम से संतुष्ट हो जाते हैं, तब उस कीमत में अपनी बेटी को लड़के के हवाले कर दिया जाता है. लड़का उस लड़की को घर ले आता है और उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे देता है.
ये ऐसा क्यों करते है चलिए हम आपको बताते है
ये गरीबों के लिए लगता है बाजार
दुल्हन का ये बाजार गरीब लड़कियों के लिए लगाया जाता है. आमतौर पर शादियों में काफी खर्च होता है. ऐसे परिवार जो अपनी बेटी की शादी नहीं करवा पाते, वो इस मंडी में अपनी बेटी को ले कर जाते हैं. इसके बाद लड़के वाले आते हैं और पसंद की लड़की को छांट लेते हैं. लड़की के घरवालों के हिसाब से पैसे देकर वो उस लड़की को खरीद लेते हैं. ये प्रथा बुल्गारिया में सालों से चली आ रही है. इस बाजार को लगाने के लिए सरकार भी इजाजत देती है.
मानसिक पिछड़ापन के शिकार हैं लोग
लेकिन यदि बुल्गारिया में रहने वाले रोमा समुदाय की बात करें तो यहां पर आज भी कुछ दकियानूसी परंपराओं से यह लोग पीछा नहीं छुड़ा पाए हैं। यहां पर ज्यादातर रोमा युवतियों ने कॉलेज की शक्ल तक नहीं देखी है। इसकी वजह भी इस समुदाय का मानसिक पिछड़ापन है, जो युवतियों को आगे बढ़ने से रोकता है। दरअसल, रोमा समुदाय की युवतियों को होने वाले पहले मासिक धर्म के साथ ही स्कूल से निकाल लिया जाता है। इसके बाद उन्हें पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाती और उन्हें शादी के लायक मान लिया जाता है। यही वजह है कि बुल्गारिया में जिन युवतियों को शादी के लिए बेचा जाता है उनमें ज्यादातर नाबालिग ही होती हैं।
इनकी बोली कितने में होती है ये देखिये
300-400 डॉलर होती है युवतियों की कीमत
यहां पर आने वाली नाबालिग लड़कियों की कीमत 300 डॉलर से 400 डॉलर तक के बीच में लगती है। ऐसा कम ही होता है कि यह कीमत ज्यादा हो। बुल्गारिया में लगने वाला यह बाजार आज के समाज पर एक करारा तमाचा भी है। यह इस बात का भी इशारा है कि यहां पर लोगों और विभिन्न समुदायों के बीच कितनी गहरी खाई है। यहां पर आने वाली युवतियों के लिए यह जरूरी होता है कि वह वर्जिन हो। यदि ऐसा नहीं होता है तो उसको बेहद बुरी नजरों से समाज में देखा जाता है। इसी वजह से रोमा समुदाय की युवतियों को शादी से पहले लड़कों से मेल-जोल की इजाजत नहीं होती है। यह इसलिए भी होता है क्योंकि ऐसा होने पर ही युवतियों की मोटी कीमत परिजनों को मिल पाती है। युवती की कीमत कितनी होगी इसका भी तय उसके परिजन ही करते हैं। यहां पर युवतियों के इस बाजार से अलग अपने लिए युवक को पसंद करने को ये समुदाय न तो पसंद करता है और न ही उन्हें मान्यता देता है।
भारत से जुड़ी हैं इस समुदाय की जड़ें
आपको बता दें कि जिस समुदाय से युवतियों को बेचा जाता है वो रोमा समुदाय है, जिसकी जड़े भारत से जुड़ी हैं। दरअसल, ऑर्थोडॉक्स क्रिस्चियन का एक समुदाय कलायदजी है जो रोमा समुदाय के तहत ही आता है। रोमा समुदाय को यूरोप में वर्षों तक मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। यूरोपीय देशों में हुए अत्याचारों को सहते हुए आज भी रोमा समुदाय ने खुद को बचाकर रखा हुआ है। दुनिया के कई देशों में रोमा समुदाय के लोग रहते हैं। भारत की ही बात करें तो यहां पर रोमा समुदाय सम्मेलन में भी हिस्सा लेते आए हैं। यह उनके लिए गर्व का विषय भी हो सकता है।