’80 के दशक की वेस्टइंडीज़ को हराने जैसा’, थॉमस कप के फाइनल का रोमांच, जब भारत ने रचा इतिहास

टीम इंडिया ने पहली बार थॉमस कप बैडमिंटन का खिताब जीत लिया है. जिस तरह कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीत के बाद भारत में क्रिकेट क्रांति आई. उसी तरह थॉमस कप की जीत भारतीय बैडमिंटन के लिए मील का पत्थर साबित होगी.

टीम इंडिया ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए थॉमस कप बैडमिंटन का खिताब जीत लिया है. रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने इंडोनेशिया को 3-0 से मात दी. भारत ने 73 साल के इतिहास में पहली बार इस टूर्नामेंट को जीतने में सफलता हासिल की है. थॉमस कप को पुरुषों का विश्व टीम चैम्पियनशिप भी कहा जाता है, ऐसे में यह जीत 1983 क्रिकेट विश्व कप जीत जैसी है.

पहले मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-9 लक्ष्य सेन ने एंथनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21, 21-17, 21-16 से मात दी. जबकि दूसरे मैच में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी ने केविन संजय सुकामुल्जो और मोहम्मद अहसान की जोड़ी को 18-21, 23-21, 21-19 से पराजित किया. इसके बाद तीसरे मुकाबले में किदांबी ने जोनाथन क्रिस्टी को 21-15, 23-21 से शिकस्त दी.

सीनियर स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट विक्रांत गुप्ता ने इस जीत पर कहा कि इंडोनेशिया को हराना मतलब 80 के दशक में वेस्टइंडीज़ को हराना या 10 साल पुरानी ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराना. ये ना भूलें कि आप थॉमस कप जीते हैं, ये सिर्फ एक मैच नहीं है. बैडमिंटन में भारत ने जो तरक्की की है, ये उसका असर है. यही कारण है कि इस जीत को इतना बड़ा माना जा रहा है.

एंथनी गिनटिंग ने लक्ष्य सेन के खिलाफ धमाकेदार शुरुआत करते हुए पहला गेम को 21-8 से जीत लिया. लेकिन दूसरे गेम में लक्ष्य ने जोरदार वापसी करते हुए 21-17 से गेम जीतकर स्कोर बराबर कर लिया. तीसरे और निर्णायक गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली. दोनों खिलाड़ी एक समय 12-12 की बराबरी पर थे, लेकिन इसके बाद लक्ष्य सेन लगातार अंक जुटाकर स्कोर 18-14 तक पहुंचा दिया. आखिरकार लक्ष्य ने तीसरे गेम को 21-16 से तीसरा और निर्णायक गेम जीतकर मुकाबले में भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी.

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के मुकाबलें की बात करें तो,  पहले गेम में इस भारतीय जोड़ी को केविन संजाया और मोहम्मद अहसान के हाथों 18-21 से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने वापसी करते हुए दूसरे गेम को 23-21 से जीत लिया. तीसरे और निर्णायक गेम में रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने इंटरवल तक 11-9 की बढ़त बना ली. हालांकि इसके बाद स्कोर 17-17 की बराबरी पर आ गया था.आखिरकार भारतीय जोड़ी ने 21-19 से मुकाबला जीत कर भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी.

2-0 से पिछड़ने के बाद इंडोनेशियाई टीम  वापसी की उम्मीद कर रही थी, लेकिन पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत के इरादे कुछ और थे.  श्रीकांत ने जोनाथन क्रिस्टी को कोई मौका नहीं दिया. पहले गेम में तो श्रीकांत शानदार लय थे और उन्होंने 21-15 से आसान जीत दर्ज की. हालांकि दूसरे गेम में क्रिस्टी ने वापसी की कोशिश की, लेकिन श्रीकांत ने धैर्य बनाए रखते हुए दूसरे गेम को 23-21 से जीतकर भारत की जीत पक्की कर दी.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button